पटना सिटी: मनुष्य के अंदर अगर रोग प्रतिरोधन क्षमता विकसित हो जाये, तो दवा भी प्रभावी ढंग से कार्य करती है. इससे बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है. यह उद्गार शनिवार को अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के वैज्ञानिक सत्र में वक्ताओं व्यक्त किये.
इंडियन इम्यूनोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा सीएमइ इन इम्यूनोलॉजी पर शुक्रवार से आरंभ कार्यशाला में वक्ताओं ने शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को कम करनेवाले इम्यूनोलॉजी विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इस विषय पर शोध की आवश्यकता जतायी. शनिवार को कार्यशाला के वैज्ञानिक सत्र में डॉ रिजवान उल हक,डॉ श्यामल राय, डॉ अमिताभ मुखोपाध्याय,डॉ अखिल बनर्जी, डॉ भास्कर साहा आदि ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रदीप दास ने की. सत्र में डॉ शुभांकर कुमार सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि शोधकर्ताओं व वैज्ञानिकों के बीच इम्यूनोलॉजी संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान से नये तथ्य उभर कर सामने आते हैं.
कार्यक्रम में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों व विश्वविद्यालयों से आये 125 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया. आयोजन में डॉ कृष्णा पांडे, डॉ नीना वर्मा, डॉ आरएन पांडे आदि ने भी अपनी बातों को रखा. आयोजन को लेकर डॉ बीएनआर दास, उदय कुमार व नरेश कुमार समेत अन्य सक्रिय थे.