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छापे में डॉक्टरों के नाम का खुलासा

आयकर कार्रवाई. दूसरे दिन भी राजेश्वर नर्सिंग होम में शाम तक चली जांच पटना : शहर के जाने-माने राजेश्वर नर्सिंग होम में दूसरे दिन भी आयकर विभाग की छापेमारी जारी रही. विभाग के कर्मचारियों की टीम ने बुधवार को पूरी रात नर्सिंग होम में सर्च किया. आयकर का यह सर्च गुरुवार की शाम तक चला. […]

आयकर कार्रवाई. दूसरे दिन भी राजेश्वर नर्सिंग होम में शाम तक चली जांच
पटना : शहर के जाने-माने राजेश्वर नर्सिंग होम में दूसरे दिन भी आयकर विभाग की छापेमारी जारी रही. विभाग के कर्मचारियों की टीम ने बुधवार को पूरी रात नर्सिंग होम में सर्च किया. आयकर का यह सर्च गुरुवार की शाम तक चला. टीडीएस या आयकर चोरी करने से संबंधित कई संवेदनशील दस्तावेज हाथ लगे हैं. इसमें कई डॉक्टरों पर भी शिकंजा कस सकता है.
इनसे आयकर विभाग पूछताछ कर सकता है या इन डॉक्टरों पर अपनी आय छिपाने या कर की चोरी करने के मामले में कार्रवाई हो सकती है. नर्सिंग होम में सर्च के दौरान इस तरह के कई दस्तावेज मिले हैं. इनसे यह पता चलता है कि डॉक्टरों ने अपनी इनकम में नर्सिंग होम से प्राप्त होने वाले पेमेंट को इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाया है. सर्च के दौरान नर्सिंग होम से 50 से ज्यादा डॉक्टरों के दस्तावेज मिले हैं. इसमें लगभग 18 सरकारी डॉक्टर हैं.
कई दस्तावेजों को छिपाने की कोशिश भी
सूत्रों की मानें तो सर्च के दौरान राजेश्वर नर्सिंग होम के कर्मचारियों ने कई दस्तावेजों और कंप्यूटरों को आयकर विभाग के अधिकारियों से छिपाने की भी कोशिश की. परंतु अधिकारियों की सख्ती और पैनी नजर से इन्हें सारे दस्तावेजों को सामने लाना पड़ा. हालांकि कुछ दस्तावेजों और कंप्यूटरों को कहीं छिपा दिया गया है. अधिकारियों ने ऐसे मिसिंग दस्तावेजों को गड़बड़ मानकर इन पर कार्रवाई शुरू कर दी है. हालांकि बाद में नर्सिंग होम प्रशासन ने तमाम दस्तावेजों को अधिकारियों के सामने रखा.
सरकारी डॉक्टर करते हैं प्रैक्टिस
सर्च में आयकर विभाग को जिन डॉक्टरों के बारे में दस्तावेज मिले हैं, उनमें डेढ़ दर्जन से ज्यादा डॉक्टर सरकारी है. इन डॉक्टरों को सरकार की तरफ से नन-प्रैक्टिसिंग एलाउंस (निजी प्रैक्टिस नहीं करने के बदले में सरकार की तरफ से मिलने वाला भत्ता) मिलता है. वाबजूद इसके ये डॉक्टर इस निजी नर्सिंग होम में विजिटिंग डॉक्टर के रूप में आते थे और बदले में अच्छी खासी फीस लेते थे. इन्हें प्रति विजिट के हिसाब से पेमेंट किया जाता था. इस पेमेंट में टीडीएस की कटौती नहीं की गयी है. यानी इस इनकम को नर्सिंग होम और डॉक्टरों दोनों ने आयकर की नजर से छिपा के रखा था. इस पर किसी तरह का आयकर भी नहीं दिया गया है.
करोड़ों की टैक्स चोरी का मामला
नर्सिंग होम और डॉक्टर दोनों नर्सिंग होम से जो आय होता था, उसका बड़ा हिस्सा वे कहीं दिखाते ही नहीं थे. अब तक हुई शुरुआती जांच में यह मामला दो करोड़ से ज्यादा का सामने आया है. हालांकि जब्त किये गये तमाम दस्तावेजों की आयकर अधिकारी गहन छानबीन करेंगे, जो कुछ दिनों तक चलेगा. इसके बाद ही टैक्स चोरी का सटीक आंकड़ा सामने आयेगा.आंकड़ा आने के बाद इसमें नर्सिंग होम पर तो कार्रवाई होगी ही, कई डॉक्टरों पर भी आयकर विभाग शिकंजा कस सकता है.

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