फर्स्ट इम्प्रेशन इज द लास्ट इम्प्रेशन ड्रेस तो बराबर बदलना चाहिएचुनावी मौसम में बयानों की हवा वह रही है. सभी नेता अपने विद्रोही को निचा दिखाने के लिए नये-नये बयान पेश कर जनता को अपने तरफ आकर्षित करने में लगे हुई हैं. हालांकि जनता है सब जानती है. इसका जीता-जहता सबूत है बिहार के युवा वर्ग. दो दिन पहले ही राहुल गांधी ने भाषण देते हुए कहा था कि मोदी विदेश दौरों पर जाते हैं, वहां वह एक दिन में 16 बार कपड़े बदलते हैं. मोदी नीला, नारंगी, तमाम रंग के कपड़े पहनते हैं, लेकिन नीतीश को आप सफेद कपड़ों में ही देखेंगे. राहुल गांधी के बयान से युवा वर्ग संतुष्ट नहीं है. इस पर युवाओं ने अपनी राय रखीयुवाओं की राय मैं राहुल गांधी जी से कहना चाहुंगा कि जैसे मोदी जी अपना कपड़ा 3-4 बार एक दिन में भी बदलते हैं, उसी तरह मोदी जी देश का दशा-दिशा दो-तीन सालों में बदल देंगे. यह तो अच्छी बात है जहां जाते हैं वहां नये ड्रेस में नजर आते हैं. लोकेश, कॉलेज ऑफ कॉमर्स एक ड्रेस में दूसरे कार्यक्रम में जाना वैसे किसी को भी खराब लगता है. और जब देश का प्रतिनिधित्व करने की बात हो तो अगल-अगल जगहों पर अलग-अलग कपड़ों में जाना चाहिए. इसमें कोई खराबी नहीं है. पहनावा में कॉमेंट करना सही बात नहीं सौम्या सिन्हा, अमिटीइस तरह की बायनवाजी सोभा नहीं देती है. कोई भी नेता अपनी बात और आगे की रणनीति पे बात नहीं करते यह गलत है. छात्र के लिए क्या होगा. स्कूल या कॉलेज में क्या सुविधाएं मिलेगी यह भी तो अपने भाषण में कोई बताये. अमृत रंजन, कपड़ों पर बयानबाजी गलत है. हम लोग भी अपने दोस्तों को कहते हैं कि क्या तुम्हारे पास एक कपड़े ही है जो तीन दिन से एक कपड़े ही पहन कर आ रहे हो. यह तो अच्छी बात है कि कपड़ों से आत्मविश्वास पैदा होता है. सही पहनावा भी एक पहचान है. अमूल्या सिन्हा, बीडी कॉलेज कपड़े पर सवाल उठाना गलता है. राहुल गांधी को विकास की बात बात करना चाहिए. अपनी सोच रखनी चाहिए. कपड़े तो सभी बदलते हैं. क्या राहुल गांधी भी एक दीन में दो-तीन बार कपड़े बदलते हैं. उन्हें भी कई बार देखा जा सकता है. रंग भले ही सफेद रहे लेकिन, कुर्ता बदल जाता है. अजय कुमार, पीयू रिसर्च स्कॉलरकहा जाता है फर्स्ट इम्प्रेशन इज लास्ट इम्प्रेशन तो खास कर विदेशों में अपना इम्प्रेशन बनाना जरूरी है. राहुल गांधी सूट या कुर्ता पर बयान देकर अपने-आप को अभी भी बड़े नेता में खड़ा नहीं कर पाये हैं. एक अच्छा नेता पहनावा पे कभी कमेंट नहीं करता है.सौरभ कुमार \\\\\\\\B
फर्स्ट इम्प्रेशन इज द लास्ट इम्प्रेशन
फर्स्ट इम्प्रेशन इज द लास्ट इम्प्रेशन ड्रेस तो बराबर बदलना चाहिएचुनावी मौसम में बयानों की हवा वह रही है. सभी नेता अपने विद्रोही को निचा दिखाने के लिए नये-नये बयान पेश कर जनता को अपने तरफ आकर्षित करने में लगे हुई हैं. हालांकि जनता है सब जानती है. इसका जीता-जहता सबूत है बिहार के युवा […]
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