मगध क्षेत्र बिहार की राजनीति और सत्ता के समीकरण को बहुत गहराई से प्रभावित करता रहा है. इस बार भी यहां की 26 विधानसभा सीटों का चुनाव नतीजा बिहार की राजनीति और सत्ता की दिशा तय करेगा. तमाम बातों के बावूजद यहां सभी दल जातीय आधार पर चुनावी नतीजे की उम्मीद लगाये बैठे हैं. वहीं मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग है, जो इससे अलग, नयी सोच के साथ मतदान की तारीख का इंतजार कर रहा है. मतदाताओं में चुप्पी है. इसे लेकर दलों की बेचैनी बढ़ी हुई है.
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मगध में गंठबंधनों की लड़ाई में वाम बना रहा तीसरा कोण
मिथिलेश मगध क्षेत्र बिहार की राजनीति और सत्ता के समीकरण को बहुत गहराई से प्रभावित करता रहा है. इस बार भी यहां की 26 विधानसभा सीटों का चुनाव नतीजा बिहार की राजनीति और सत्ता की दिशा तय करेगा. तमाम बातों के बावूजद यहां सभी दल जातीय आधार पर चुनावी नतीजे की उम्मीद लगाये बैठे हैं. […]
मिथिलेश
पटना : मगध के इलाके में वैसे भी सूर्य का तापमान चढ़ा रहता है. इस बार चुनावी तापमान भी चरम पर है. विधानसभा चुनाव में मगध प्रमंडल की 26 विधानसभा सीटों पर एनडीए और महागंठबंधन के महारथियें के बीच लड़ाई छिड़ चुकी है. कभी जरासंध और भगवान बुद्ब की ज्ञान की धरती मगध पर किसका सिक्का चलेगा, इस पर चौक चौराहों पर बहस चल रही है.
2010 के चुनाव में जब जदयू और भाजपा मिल कर चुनाव लड़े थे, तब उन्होंने 24 सीटों पर कब्जा किया था. एक सीट ओबरा पर निर्दलीय सोम प्रकाश चुनाव जीते थे. पूरे मगध में यह अकेली सीट थी, जिस पर निर्दलीय उम्मीदवार को सफलता मिली थी. केवल एक सीट शेरघाटी ऐसी थी, जहां निर्दलीय उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा था. जीत-हार में मतों का अंतर भी महज चार हजार के करीब का था. राजद के खाते में केवल एक सीट बेलागंज गयी थी. वामदल करीब चार सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे थे. इस बार वामदल इस मुकाबले में तीसरा कोण बनाने की कोशिश में जुटे हैं.
इस बार जदयू और राजद साथ खड़े हैं. उनके साथ कांग्रेस की ताकत भी है. दूसरी ओर भाजपा के साथ जीतन राम मांझी की पार्टी हम, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा तथा रामविलास पासवान की लोजपा भी आ गयी है.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इसी इलाके से आते हैं. वह इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं. मांझी जहानाबाद जिले के मखदुमपुर सुरक्षित और इमामगंज सुरक्षित सीट से उम्मीदवार हैं. मखदुमपुर सुरक्षित सीट उनकी परंपरागत सीट रही है. जबकि, इमामगंज की सीट पर वह विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और जदयू उम्मीदवार के खिलाफ प्रत्याशी हैं. अपने गवंई और तीखे अंदाज में भाषण करने वाले मांझी को लेकर मगध इलाके पर पूरे देश की नजर है.
उन्होंने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को निशाने पर ले रखा है. मगध इलाके में अति पिछड़ों का बाहुल्य माना जाता है. स्थानीय राजनीति को जानने वाले कहते हैं कि तकरीबन सभी पार्टियों ने अति पिछड़ी जातियों को उनकी आबादी की तुलना में उम्मीदवारी देने में कोताही बरती है. ऐसे में चुनावी हार-जीत का गणित सुलझाने वाले अति पिछड़े वर्ग के मतदाता फिलहाल
चुप हैं. उनका रुख उम्मीदवारों की जीत-हार तय करने वाला होगा. यही वजह है कि सभी पार्टियां इस समूह को नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं हैं.
मगध की ध्22222ारती जहानाबाद में जहां अगड़ी जातियों में भूमिहार और राजपूत मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. वहीं कुछ क्षेत्रों में यादव और दलित व महादलित वोट सशक्त स्थिति में हैं.सत्तर और अस्सी के दशक में यह इलाका भूमिहीन किसान आंदोलन के चलते सुर्खियों में था. सामंती ताकतों ने यहां कई नरसंहारों को अंजाम दिया. औरंगाबाद के इलाके में राजपूत, यादव और कुशवाहा वोटों के हिसाब से सशक्त माने जाते हैं. वहीं, नवादा जिले की सीटों पर भूमिहार और यादव मतदाता आमने-सामने की स्थिति में हो सकते हैं.
शहरी इलाके चाहे गया हो या औरंगाबाद या जहानाबाद प्रबुद्ध मतदाताओं की अच्छी खासी आबादी है. इस आबादी के वोट को अपने पक्ष में करने के लिए सभी दलों में खास प्रतिस्पर्धा है. वोटरों के इस वर्ग में सबसे ज्यादा चुप्पी है.
किस गंठबंधन की क्या है यहां तसवीर
विस क्षेत्र महागंठबंधन राजग जीत (वोट) सेकेंड (वोट)
अरवल रविंद्र सिंह (राजद) चितरंजन कुमार-भाजपा भाजपा (23984) माले (19782)
कुरथा सत्यदेव कुशवाहा (जदयू) अशोक वर्मा (रालोसपा) जदयू (37633) राजद (28140)
जहानाबाद मुंद्रिका यादव (राजद) प्रवीण कुमार (रालोसपा) जदयू (35508) राजद (26941)
घोसी केएन वर्मा (जदयू) राहुल कुमार (हम) जदयू (40364) लोजपा (26088)
मखदुमपुर सुबेदार दास (राजद) जीतन राम मांझर (हम) जदयू (4838462) राजद (33378)
गोह रणविजय कुमार (जदयू) मनोज शर्मा (भाजपा) जदयू (47378) राजद (46684)
ओबरा विरेंद्र कु सिन्हा (राजद) घोषण नहीं हुई निर्दलीय (36816) जदयू (36014)
नवीनगर विरेंद्र सिंह (जदयू) गोपाल नारायण सिंह (भाजपा) जदयू (36860) लोजपा (25026)
कुटुंबा राजेश कुमार (कांग्रेस) संतोष कु सुमन-हम जदयू (42559) राजद (28641)
औरंगाबाद आनंद शंकर (कांग्रेस) रामाधार सिंह (भाजपा) भाजपा (41176) राजद (34934)
रफीगंज अशोक कु सिंह (जदयू) अभी घोषित नहीं जदयू (58501) राजद (34816)
गुरुआ रामचंद्र प्रसाद (जदयू) राजीव दांगी (भाजपा) भाजपा (46767) राजद (35331)
शेरघाटी विनोद प्र यादव (जदयू) मुकेश कुमार (हम) जदयू (25447) निर्दलीय (18944)
इमामगंज-सु उदय नारायण चौधरी (जदयू) घोषणा नहीं जदयू (44126) राजद (24915)
बाराचट्टी-सु समता देवी (राजद) घोषणा नहीं जदयू (57550) राजद (33797)
बोधगया-सु कुमार सर्वजीत (राजद) श्यामदेव पासवान (भाजपा) भाजपा (54160) लोजपा (42935)
गया टाउन प्रियरंजन (कांग्रेस) प्रेम कुमार (भाजपा) भाजपा (55618) भाकपा (27099)
टिकारी अभय कुशवाहा(जदयू) अनिल कुमार-हम जदयू (67647) राजद (49134)
बेलागंज सुरेंद्र प्र सादव-राजद शारित अलि-हम राजद (53077) जदयू (48441)
अतरी कुंती देवी-राजद अरविंद सिंह-लोजपा जदयू (55633) राजद (35023)
वजीरगंज अवधेश कु सिंह-कांग्रेस विरेंद्र सिंह-भाजपा भाजपा (38850) कांग्रेस (21127)
रजाैली – सु प्रकाश वीर-राजद अजरुन राम-भाजपा भाजपा (51020) राजद (36930)
हिसुआ कौशल यादव-जदयू अनिल कुमार-भाजपा भाजपा (46564) लोजपा (49129)
नवादा राजबल्लभ प्रसाद-राजद इंद्रदेव कुशवाहा-रालोसपा जदयू (43110) राजद (40231)
गोविंदपुर पूर्णिमा यादव-कांग्रेस फूला देवी यादव-भाजपा जदयू (45589) लोजपा (24702)
वारसलिगंज प्रदीप कुमार-जदयू अरुणा देवी-भाजपा जदयू (42381) कांग्रेस (36953)
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