21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तीन साल की प्रोजेक्ट छह साल बाद भी पूरी नहीं

बिहटा में इएसआइसी अस्पताल का निर्माण कार्य समय सीमा के बाद भी अधर में मोनु कुमार मिश्रा बिहटा : बिहटा में बन रहे अत्याधुनिक इएसआइसी अस्पताल का निर्माण कार्य में लगी एनबीसीसी सह सहायक कांट्रैक्टर प्रतिभा कंस्ट्रक्क्शन और इएसआइसी के अधिकारी की उदासीनता के कारण निर्धारित समय सीमा के तीन साल की जगह छह साल […]

बिहटा में इएसआइसी अस्पताल का निर्माण कार्य समय सीमा के बाद भी अधर में
मोनु कुमार मिश्रा
बिहटा : बिहटा में बन रहे अत्याधुनिक इएसआइसी अस्पताल का निर्माण कार्य में लगी एनबीसीसी सह सहायक कांट्रैक्टर प्रतिभा कंस्ट्रक्क्शन और इएसआइसी के अधिकारी की उदासीनता के कारण निर्धारित समय सीमा के तीन साल की जगह छह साल बीतने के बाद भी अधर में है. वहीं, अस्पताल के निर्माण कार्य में देरी होने के कारण दिन -पर- दिन इसकी लागत लगभग 120 करोड़ और बढ़ चुकी है, लेकिन किसी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है.
बताते चलें कि उक्त अस्पताल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल से बीते छह साल पूर्व मेगा औद्योगिक पार्क योजना के तहत करीब 25 एकड़ भूमि मुहैया करायी गयी थी.साथ ही तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मल्लिका अर्जुन खड़गे, लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार व सीएम नीतीश कुमार के संयुक्त तत्वावधान में 25 सितंबर , 2009 में एनएच -30 पर बिहटा के सिकंदरपुर के समीप इस अस्पताल की आधारशिला रखी गयी थी.
उस समय 500 बेड की इस अस्पताल की लागत करीब 637 करोड़ रुपये थी और निर्माण कार्य तीन वर्षों मे पूरा किया जाना था, लेकिन आज छह साल से भी ज्यादा समय बीतने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है. वहीं ,अब तक नर्सों का आवास , इंट्री गेट , सिवरेज आदि का डिजाइन भी फाइनल नहीं किया गया है, जबकि अस्पताल निर्माण कार्य में विलंब होने के कारण इसके निर्माण कार्य का खर्च करीब 120 करोड़ रुपये बढ़ चुका है. प्रोजेक्ट का काम देख रहीं मुख्य कंपनी एनबीसीसी की लापरवाही की वजह से देरी हो रही है.
मुख्य कंपनी ने एक दूसरी कंपनी प्रतिभा कंस्ट्रक्शन को इसकी जिम्मेवारी सौंप रखी है, लेकिन इसके बावजूद भी निर्माण में तकनीकी लापरवाही बरती जा रही है. सबसे अहम बात यह है की ऑपरेशन थियेटर का निर्माण कार्य होने के बावजूद भी इसमें गैस पाइप लाइन की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है, जिससे उस थियेटर में गैस लाइन पाइप लगाने के लिए एक बार फिर से निर्माण कार्य को तोड़ना होगा, जिसमें खर्च भी बढ़ेगा और निर्माण कार्य में समय भी लगेगा.
जल्द काम पूरा नहीं हुआ, तो आंदोलन :इंटक
कर्मचारी संगठन इंटक के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह का कहना है की यह मामला काफी गंभीर है.2013 के जून में ही केंद्रीय मंत्री अस्पताल को चालू करने का आदेश दिया था, लेकिन विभाग के अधिकारी व निर्माण कार्य में लगी कंपनी की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी हुई है. अगर जल्द अस्पताल को चालू नहीं किया जायेगा तो इंटक इसके लिए आंदोलन करेगा. साथ इएसआइसी व एनबीसीसी के अधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी तो वह कुछ भी बोलने से कतराते रहे़
करीब 20 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
अगर जल्द बिहटा में नियोजित श्रमिक परिवारों का इलाज शुरू हुआ , तो यह मरीजों को सारी सुविधा मिलनेवाला बिहटा का एकमात्र अस्पताल होगा. राज्य में एक अनुमान के मुताबिक नियोजित श्रमिक परिवार की संख्या करीब 20 लाख है, जिनका इलाज इस अस्पताल में होना था, लेकिन दीगर की बात यह है कि आज भी इनका इलाज एकमात्र 50 बेडवाले मॉडल अस्पताल, फुलवारीशरीफ में हो रहा है. जहां उन सबों को असाध्य बीमारियों की जांच के लिए विभाग खर्च तो देता है, लेकिन मरीज को जांच के लिए दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है.
करीब 500 बेड के इस अस्पताल के निर्माण में लगभग तीन वर्ष का समय निर्धारित किया गया था. समय से निर्माण कार्य पूरा नहीं होने व अधिकारियों की उदासीनता को लेकर जून 2013 में केंद्रीय मंत्री ने यहां दौरा कर निर्माण का बारीकी से जायजा लिया था. साथ ही कार्य में देरी होने पर अधिकारिओं को जम कर फटकार लगते हुए दो महीनों के भीतर तत्काल व्यवस्था के तहत करीब 100 बेड का अस्पताल शुरू करने के लिए आदेश दिया था, लेकिन मंत्री के आदेश का भी किसी अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा.
वहीं, करीब 133 बेड का अस्पताल का भवन बन कर तैयार हो गया है, लेकिन भवन के अंदर की व्यवस्था को लेकर अफसर बेहद लचर व्यवस्था अपनाये हुए है. मेडिकल सामान की खरीदारी नहीं हुई है. बिजली ,गैस पाइप ,पारा मेडिकल व किचेन के लिए अब तक कोई व्यवस्था नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें