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आचार संहिता के नाम पर मनमानी

शहर के चौक-चौराहों पर हो रही तलाशी के कारण अाम लोग हो रहे परेशान पटना : आदर्श आचार संहिता के नाम पर आमलोग नाहक ही रोज परेशान हो रहे हैं. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, व्यापारियों के साथ आम लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है. पुलिस द्वारा जगह-जगह की जा रही वाहन […]

शहर के चौक-चौराहों पर हो रही तलाशी के कारण अाम लोग हो रहे परेशान
पटना : आदर्श आचार संहिता के नाम पर आमलोग नाहक ही रोज परेशान हो रहे हैं. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, व्यापारियों के साथ आम लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है.
पुलिस द्वारा जगह-जगह की जा रही वाहन चेकिंग के दौरान व्यवसायियों के साथ आम लोगों को भी कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा है. चुनाव आयोग के सख्त दिशा-निर्देश के कारण राजनीतिक दलों में बेचैनी होना तो लाजिमी है, लेकिन इससे नागरिकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
जब प्रभात खबर ने मंगलवार की शाम शहर में पुलिस चेकिंग का जायजा लिया, तो पता चला कि पुलिस द्वारा हर रोज विभिन्न स्थानों पर की जा रही वाहन चेकिंग की आड़ में कुछ स्थानों पर उत्पीड़न भी हो रहा है. इससे शहर के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. सबसे बड़ी समस्या तो व्यवसायियों के सामने है.
तरह-तरह के सवाल
कारोबार के सिलसिले में दो-चार लाख रुपये साथ लेकर चलना व्यवसायियों के लिए आम बात है, लेकिन पुलिस द्वारा कहीं भी वाहन रोक कर उनसे तरह-तरह के सवाल किये जा रहे हैं. डाकबंगला चौराहा, स्टेशन गोलंबर, गांधी मैदान और बोरिंग रोड चौराहे के आसपास की चेकिंग में आम लोग भी हलकान हो रहे हैं. यह नजारा मंगलवार की शाम दिखा.
इस दौरान बोरिंग रोड में तीज की खरीदारी करने लोग भी परेशान नजर आये, वहीं किसी काम से जा रहे लोगों को भी दिक्कत हो रही थी. पाटलिपुत्र से आ रहे रमाशंकर ने बताया कि वे जरूरी काम से हरि निवास कांप्लेक्स जा रहे थे, लेकिन यहां पर चेकिंग होने से बिना वजह देर हो गयी.
आम लोग को क्या
डाकबंगला चौराहे के पास चेकिंग के दौरान सालिमपुर से आ रहे बिनोद कुमार परेशान दिखे. उनकी बाइक रोक कर बैग की तलाशी ली जा रही थी और वे मिन्नत कर रहे थे कि उन्हें जंकशन अपने परिवार के एक सदस्य को लाने जाना है, लेकिन जांच तो हो ही रही थी.
जांच से परेशान इन लोगों का कहना है कि पुलिस उन्हें नाहक ही परेशान कर रही है. आम लोगों को आचार संहिता से क्या लेना-देना? उन्हें चिंता इस बात की है कि वाहनों में तलाशी के नाम पर दो-चार लाख रुपये अगर पुलिस को मिला तो उनके सामने मुसीबत खड़ी हो जायेगी.
चुनाव खर्च की सघन जांच की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए निर्वाचन विभाग में बुधवार को उच्च्स्तरीय बैठक होगी़ इधर, मंगलवार को एक करोड़ से अिधक की राशि जब्त की गयी.

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