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किसी काम का नहीं है बीएन कॉलेज प्रशासन, हाइकोर्ट की तल्ख टिप्पणी
पटना : पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बीएन कालेज प्रशासन नाकाम है. अतिक्रमण हटाने और छात्रावास के खाली कराने के मसले पर कालेज प्रशासन की रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए यह तल्ख टिप्प्णी की गयी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की कोर्ट ने कालेज प्रशासन को खूब […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बीएन कालेज प्रशासन नाकाम है. अतिक्रमण हटाने और छात्रावास के खाली कराने के मसले पर कालेज प्रशासन की रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए यह तल्ख टिप्प्णी की गयी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की कोर्ट ने कालेज प्रशासन को खूब खरी-खोटी सुनायी.
कोर्ट ने कहा कि कालेज प्रशासन अपनी ओर से कोई काम नहीं करता. वह पूरी तरह कोर्ट पर निर्भर है. कोर्ट का काम कालेज की समस्याओं का निबटाना नहीं रह गया है. कोर्ट ने 22 सितंबर को बीएन कालेज छात्रावास के पूरी तरह खाली कराने और छात्रावास के छात्रों द्वारा मारपीट के मामले में पूरी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया.
इसके पहले राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि जब-जब कालेज प्रशासन पुलिस बल की मांग करता है, उसे उपलब्ध कराया जाता है. अब कालेज प्रशासन की जिम्मेवारी है कि वह इसका उपयोग कहां व कैसे करता है. कालेज प्रशासन की ओर से बताया गया कि दो छात्रावासों को खाली कराया गया है. बाकी को खाली कराने की प्रक्रिया चल रही है.
हाउसिंग कॉलोनी में पार्क नहीं, स्कूल बनेगा
पटना हाइकोर्ट ने साफ कर दिया है कि बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में स्कूल की जमीन पर पार्क नहीं, बल्कि स्कूल ही बनेगा. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की कोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया.
कुमार प्रशांत की ओर से दायर लोक हित याचिका में कहा गया था कि हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर स्कूल की जगह पार्क के निर्माण कराया जा रहा था. कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए स्कूल बनाने का आदेश दिया.
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