फैसला. सरकार और जिला प्रशासन को सख्त निर्देश
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने सरकार और जिला प्रशासन से कहा है कि किसी भी हाल में पटना विवि परिसर में अतिक्रमण नहीं रहे. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि विवि परिसर में यदि मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल के नाम पर भी अतिक्रमण हुआ है, तो उसे भी तत्काल हटाने की व्यवस्था की जाये.
सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर और वकील असहर मुस्तफा ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पीयू कर्मियों की हड़ताल से विवि में पढाई बाधित हुई है. लेकिन, हड़तालीकर्मियों ने पढाई आरंभ करने की बात कही है. जांच अधिकारियों ने कोर्ट को यह भी बताया कि 192 ऐसे लोग हैं जो पीयू के कभी कर्मचारी नहीं रहे और इन लोगाें ने भी परिसर में अतिक्रमण कर रखा है. इसमें कई प्रकार के स्ट्रक्चर बने हैं. कोर्ट ने विवि प्रशासन को तत्काल छात्रावास के लिए आये आवेदनों पर विचार कर छात्रों को आवंटित करने के निर्देश दिये. कोर्ट को बताया गया कि अभी चार सौ छात्रों ने आवेदन छात्रावास के लिए किया है.