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निगहबानी में कैदी: पटना सिटी उपकारा में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़ी निगरानी

पटना सिटी: बंदियों से मिलनेवालों की तसवीर खींची जायेगी, साथ ही अंगुली के निशान भी लिये जायेंगे. इतना ही नहीं जेल के अंदर आनेवाले नये बंदियों को भी कुछ इसी तरह की स्थिति से गुजरना होगा. यह व्यवस्था उपकारा पटना सिटी में प्रभावी होगी. इसके इस्तेमाल के लिए मशीन आ गया है, जिसके स्टॉल होते […]

पटना सिटी: बंदियों से मिलनेवालों की तसवीर खींची जायेगी, साथ ही अंगुली के निशान भी लिये जायेंगे. इतना ही नहीं जेल के अंदर आनेवाले नये बंदियों को भी कुछ इसी तरह की स्थिति से गुजरना होगा. यह व्यवस्था उपकारा पटना सिटी में प्रभावी होगी. इसके इस्तेमाल के लिए मशीन आ गया है, जिसके स्टॉल होते ही व्यवस्था प्रभावी हो जायेगी. इ-विजन योजना के तहत यह सिस्टम अब कंप्यूटराइज्ड होगा.
ऑनलाइन होगी व्यवस्था
उपकारा पटना सिटी के जेल अधीक्षक नंदकिशोर रजक ने बताया कि एनआइसी की ओर से यह व्यवस्था इ-विजन प्रोग्राम के तहत होगी. इसमें एक ऑपरेट रहेगा, जो विजिटिंग रूम में आये मुलाकातियों के तसवीर खींचने व अंगुली का निशान लेगा. यह व्यवस्था उपकार में आनेवाले नये बंदियों के साथ भी होगा. ताकि यह पता चल सके कि कौन-कौन मुलाकाती किस-किस अपराधी से मिल रहा है. ऑनलाइन होने की वजह से जरूरत पड़ने पर कभी यह डाटा ट्रांसफॉर्मर होगा. जेलर ने बताया कि यह व्यवस्था पहले भी है. मुलाकात के लिए कड़े नियम व कानून अंकित है. लेकिन, यह कार्य मैन्यूल होता था. अब कंप्यूटर से इसका उपयोग किया जायेगा. ताकि डाटा को सुरक्षित रखा जा सके.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी सुविधा
उपकारा पटना सिटी के जेल अधीक्षक नंदकिशोर रजक व सहायक जेल अधीक्षक राजेश मिश्र ने बताया कि उपकारा में अधिकारियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. इसका भी सेट तुरंत उपकारा में लगाया जायेगा. इससे उच्च अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जेल की स्थिति से अवगत कराया जा सकता है.
बंद पड़े हैं सीसीटीवी कैमरा
उपकारा के अंदर क्या हो रहा है, गेट पर कौन-कौन मुलाकाती किसी अपराधी से मिल रहा है. इन सभी गतिविधियों को रिकार्ड करनेवाले दस सीसीटीवी कैमरे बंद हैं. दरअसल मामला यह है कि यूपीएस में आयी खराबी की वजह से कैमरा बंद पड़ा है. हालांकि दस सीसीटीवी कैमरे में महज आठ कैमरा ही चालू था. अधिकारियों की मानें, तो इसके लिए विभाग को सूचित किया गया है. यूपीएस की गड़बड़ी को दूर कर सिस्टम को चालू किया जायेगा. फिलहाल विभाग की ओर से नये कैमरा लगाने की भी योजना है. इसके लिए भी कार्य चल रहा है. बंद कैमरों की वजह से कर्मचारियों व बंदियों की मनमौजी कारा तक ही सिमट कर रह गयी है.

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