मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद ने जिस सूचना क्रांति को आइटी-वाइटी कहकर मजाक उड़ाया था, उसी आइटी से करोड़ों युवाओं को काम मिला है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि 1990 की जातिवादी मानसिकता में फंसे लालू प्रसाद की तेल पिलाई लाठी के सहारे वे 2025 का विजन डॉक्यूमेंट कैसे लागू कर सकते हैं? मोदी ने कहा है कि 2011 में जनगणना शुरू हुई थी. इसे साल भर में पूरा होना था, लेकिन राज्यों से प्राथमिक आंकड़े मिलने में ही चार साल लग गये.
मंडल आयोग ने 3500 जातियों-उपजातियों की पहचान की थी, जबकि हाल की जनगणना में लोगों ने 46 लाख से ज्यादा जाति,उपजाति, गोत्र आदि दर्ज करा दिये. इन आंकड़ों की जांच और जातियों की सही पहचान के लिए राज्यों के पास भेजा गया है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार बतायें कि क्या बिहार से जातीय आंकड़ों को संशोधित कर केंद्र को भेजा जा चुका है़? क्या लालू प्रसाद बिहार के फाइनल आंकड़े मिले बिना ही जनगणना रिपोर्ट जारी कराना चाहते हैं? उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने एलान कर दिया है कि पूरे संशोधित आंकड़े मिलने पर जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी कर दी जायेगी. फिलहाल वे उपवास पर नहीं जाकर अपने दिल की फिक्र करें. उन्होंने सजर्री करवायी है.