पटना/आरा: बिहार के सत्ताधारी पार्टी जदयू के एक बाहुबली विधायक सुनील पांडेय को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. सुनील पांडेय को भोजपुर पुलिस ने नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया. पहले पुलिस कार्यालय में उन्हें फोन कर बुलाया गया और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर समर्थकों से बचने के लिए टाउन थाना स्थानांतरित कर दिया गया. सुनील पांडेय की गिरफ्तारी लंबू शर्मा के बयान पर की गयी है जिसमें उसने पुलिस को जानकारी दी कि उसे मुख्तार अंसारी को मारने के लिए सुनील पांडेय ने सुपारी दी थी. फिलहाल न्यायालय द्वारा गिरफ्तार जदयू विधायक को 11 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजा गया है.
बिहार पुलिस का कहना है कि लंबू की कॉल डिटेल्स से इस बात की पुष्टि हुई कि वह आरा कोर्ट में बम धमाके के बाद विधायक सुनील पांडे के संपर्क में था. अब इस मामले में उनसे गहनता से पूछताछ की जायेगी. फिलहाल सुनील पांडे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. लंबू शर्मा ने पुलिस को यह भी जानकारी दी थी कि कोर्ट परिसर से भागने और छिपाने में सुनील पांडेय ने उसकी मदद की थी, साथ ही दिल्ली में वह सुनील पांडेय के ही संरक्षण में रह रहा था. बिहार में अन्य विरोधी दल सुनील पांडेय की गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबाव बना रहे थे.
गौर हो कि लंबू शर्मा आरा कोर्ट बम बलास्ट मामले में मुख्य आरोपी है. उसके खिलाफ कई थानों में आधा दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं. 23 जनवरी को कोर्ट बम विस्फोट के दौरान लंबू शर्मा सहित दो आरोपित पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गये थे. मालूम हो कि बम फटने से महिला समेत एक पुलिस जवान की मौत हो गयी थी, जबकि कुछ लोग जख्मी हो गये थे. काफी मशक्कत के बाद दिल्ली से लंबू शर्मा को गिरफ्तार किया गया था.
समर्थकों ने पुलिस के साथ की धक्का मुक्की
भारी पुलिस व्यवस्था के बीच जदयू विधायक को जैसे ही टाउन थाने में लाया गया उनके समर्थक व खुद पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय टाउन थाना गेट पर पहुंच गये. घंटों खड़े रहने के बाद जब गेट खुला. हालांकि तब तक सुनील पांडेय को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस के अधिकारी किसी तरह उनके समर्थकों से बचाते हुए सदर अस्पताल मेडिकल जांच कराने पहुंचने में कामयाब हुई. इस दौरान उनके अधिवक्ता भी साथ में थे. अस्पताल पहुंचने के दौरान ही सुनील पांडेय के सैकड़ों समर्थक वहां पहुंचे और नारेबाजी करते हुए सुनील पांडेय को नहीं ले जाने की बात कही. काफी देर तक हंगामा होता देख खुद विधायक सुनील पांडेय ने समर्थकों से शांत रहने की अपील करते हुए न्यायालय पर भरोसा जताया. बाद में उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरा सिविल कोट लाया गया, जहां से कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया.
साजिश के तहत फंसाया : सुनील
सदर अस्पताल में मेडिकल के दौरान जदयू विधायक सुनील पांडेय ने कहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है. पहले मेरे भाई को चुनाव हराया गया. मेरी गिरफ्तारी, तो अनंत सिंह प्रकरण के बाद ही तय हो गयी थी. बिना किसी पार्टी का नाम लिये हुए जदयू विधायक सुनील पांडेय ने कहा कि मुङो न्यायालय पर पूरा भरोसा है. मैं जानता हूं कि मुझसे किसने फंसाया है.
11 दिनों के लिए भेजा गया जेल
कोर्ट बम कांड मामले में पुलिस ने तरारी विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 11 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेज दिया. सीजेएम ने सुनील पांडेय को कोर्ट में प्रस्तुति करने के लिए 22 जुलाई को अगली तिथि दी है.
एसपी कार्यालय परिसर से हुई गिरफ्तारी
पुलिस अधीक्षक नवीन चंद्र झा ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि आरा कोर्ट बम ब्लास्ट प्रकरण में अप्राथमिकी अभियुक्त जदयू विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय की गिरफ्तारी मिले पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर की गयी है. उन्होंने कहा कि सुनील पांडेय की गिरफ्तारी एसपी कार्यालय परिसर से पुलिस द्वारा की गयी है.
तहकीकात करने में जुटी पुलिस
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उक्त कांड के अनुसंधान में लगायी गयी पुलिस टीम द्वारा सुनील पांडेय से जुड़े आपराधिक मामलों को खंगाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि अनुसंधान टीम को सुनील पांडेय पर अब तक विभिन्न थानों में दर्ज मामलों को भी एक साथ एकत्रित करने को कहा गया है, ताकि इनके खिलाफ पुलिस प्रशासन न्यायालय में पर्याप्त साक्ष्य के साथ चाजर्शीट दाखिला कर सके.