17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिछेगी 400 केवीए की बिजली लाइन

किशनगंज-पटना के बीच विद्युत लाइन बिछाने के लिए वन विभाग ने दी जमीन बिजली लाइन दौड़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को करना होगा 26 शर्तो का पालन छह जिलों में 10 वर्षो तक वन संरक्षण का काम भी ऊर्जा विभाग को करना होगा पटना : तीन वर्षो से किशनगंज से पटना के बीच 400 केवीए […]

किशनगंज-पटना के बीच विद्युत लाइन बिछाने के लिए वन विभाग ने दी जमीन
बिजली लाइन दौड़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को करना होगा 26 शर्तो का पालन
छह जिलों में 10 वर्षो तक वन संरक्षण का काम भी ऊर्जा विभाग को करना होगा
पटना : तीन वर्षो से किशनगंज से पटना के बीच 400 केवीए विद्युत लाइन बिछाने की अटकी पड़ी योजना का रास्ता साफ हो गया. वन पर्यावरण विभाग ने किशनगंज से पटना के बीच बिजली लाइन दौड़ाने के लिए 4,5550 हेक्टेयर जमीन देने की स्वीकृति दे दी है. ऊर्जा विभाग की इस योजना से पटना, नालंदा, मुंगेर, बेगूसराय, सहरसा और पूर्णिया में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सकेगी.
किशनगंज से पटना के बीच 400 केवीए की लाइन दौड़ाने के लिए ऊर्जा विभाग ने जून, 2012 में ही वन विभाग को वन भूमि मुहैया कराने के लिए आवेदन दिया था. पिछले वर्ष सितंबर में वन विभाग, बिहार ने केंद्र सरकार को वन भूमि मुहैया कराने की अनुशंसा की थी. अब जा कर केंद्रीय वन विभाग ने स्वीकृति दी है. ऊर्जा विभाग को किशनगंज से पूर्णिया के बीच 26 शर्तों पर वन भूमि मुहैया कराने की स्वीकृति दी है. वन भूमि की स्वीकृति मिलने के बाद ऊर्जा विभाग सक्रिय हो गया है.
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के अनुसार मार्च, 2017 तक सात जिलों में 400 केवीए विद्युत लाइन दौड़ाने का लक्ष्य है. वन विभाग ने ऊर्जा विभाग को 400 केवीए लाइन दौड़ाने के लिए सिर्फ तय वन भूमि पर ही विद्युत पोल और लाइन लगाने की स्वीकृति दी है. जहां-जहां 400 केवीए की लाइन दौड़ेगी, उन-उन वन क्षेत्रों में ऊर्जा विभाग को 10 वर्षो तक वन संरक्षण का काम भी कराना होगा. जगह-जगह विद्युत उपकेंद्र बनाने के लिए ऊर्जा विभाग को कम-से-कम सीमेंट पिलर का इस्तेमाल करना होगा. पावर सब स्टेशन बनाने के लिए जो भी सीमेंटेड पिलर गाड़े जायेंगे, वह वन विभाग के मानकों के आधार पर ही गाड़े जायेंगे. इसके लिए बिहार वन पर्यावरण विभाग को निगरानी टीम बनाने को कहा गया है.
400 केवीए की लाइन दौड़ाने में ऊर्जा विभाग को इस बात का ख्याल रखना होगा कि किसी कीमत पर कोई वृक्ष उससे न टकराये. ऊर्जा विभाग को वन विभाग की मिट्टी जांच में भी सहयोग करना होगा. खास कर ट्रांसमिशन टावर निर्माण में इस शर्त का पालन हर-हाल में ऊर्जा विभाग को करना होगा.
ऊर्जा विभाग को किशनगंज से पटना के बीच पौधा-रोपण अभियान भी चलाना होगा. इस अभियान के तहत विद्युत लाइन के इर्द-गिर्द औषधि पौधे ऊर्जा विभाग को हर हाल में लगाना होगा. ऊर्जा विभाग को मजदूरों के कैंप का निर्माण नहीं कराना होगा, यानी काम के बाद मजदूर हर दिन-अपने-अपने घर लौट जायेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें