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उद्यमियों व निवेशकों का सरकार से टूटा भरोसा

पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जब से भाजपा नीतीश सरकार से अलग हुई है तब से उद्यमियों व निवेशकों का भरोसा टूट गया है. वे लाख उद्यमी पंचायत लगा लें, जब तक कानून-व्यवस्था दुरुस्त नहीं होगी और सरकार उद्योगों के लिए जमीन की व्यवस्था नहीं करेगी, […]

पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जब से भाजपा नीतीश सरकार से अलग हुई है तब से उद्यमियों व निवेशकों का भरोसा टूट गया है. वे लाख उद्यमी पंचायत लगा लें, जब तक कानून-व्यवस्था दुरुस्त नहीं होगी और सरकार उद्योगों के लिए जमीन की व्यवस्था नहीं करेगी, बिहार में न कोई उद्योग लगेगा और न ही निवेश हो पायेगा. सरकार श्वेत पत्र जारी कर बताएं कि भाजपा से गेंठबंधन टूटने के बाद के दो साल में कितने निवेश के प्रस्ताव आये हैं, कितना निवेश हुआ और कितने उद्योग लगे.

मोदी ने रविवार को कहा कि भाजपा से गंठबंधन टूटने के बाद पिछले दो वर्षो में उद्यमियों व निवेशकों का बढ़ते अपराध और राजनीतिक अस्थिरता के कारण सरकार से भरोसा टूट गया है. उद्योग मंत्री निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए दिल्ली, मुंबई के बजाये दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी की सैर कर आये. ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि विदेशों से बिहार में कितना पूंजी निवेश हुआ. सरकार उद्यमियों व निवेशकों को जमीन उपलब्ध नहीं करा पायी, नतीजतन जहां भागलपुर में लगने वाला मेगा फूड पार्क और मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थगित हो गया वहीं आइटीसी, नेस्ले, सेंचूरी और पारस दूध जैसी दर्जनों कंपनियों को वापस जाना पड़ा. सितंबर, 2013 से बियाडा उद्योगों के लिए जमीन आवंटन का आवेदन लेना बंद कर दिया है. उद्योगों को देने के लिए बियाडा के पास एक धुर जमीन नहीं है. मोदी ने सवाल किया कि नीतीश कुमार बताएं कि ‘आओ बिहार स्कीम’, ‘निजी क्षेत्र औद्योगिक पार्क’ और बियाडा की ‘एक्जिट पॉलिसी’ बुरी तरह विफल क्यों हो गयी.

बिहार राज्य औद्योगिक निवेश व सलाहकार पर्षद की बैठक अक्तूबर, 2013 के बाद से आज तक क्यों नहीं हो पायी है. सरकार द्वारा उद्योगों के लिए गठित स्पेशल कैबिनेट का क्या हुआ. सिंगल विंडो सिस्टम के बावजूद उद्यमियों व निवेशकों को सौ दरवाजे क्यों खटखटाने पड़ते हैं. उद्योग के नाम पर बिहार में कुछ चावल मिल लगी भी तो सरकार करीब 1500 चावल मिलों पर मुकदमा कर क्या उन्हें तंग-तबाह नहीं कर रही है.

व्यवसायी वोट को जागीर बनाना चाहती है भाजपा

राजद के प्रदेश अध्यक्ष डा रामचंद्र पूव्रे ने कहा है कि भाजपा व्यावसायियों पर मनोवैज्ञानिक रूप से भय का वातावरण बना रही है. वह व्यावसायियों के वोट को अपना जागीर बनाना चाहती है. इस काम में वह कभी सफल नहीं होगी. लालू प्रसाद के कार्यकाल में सबसे अधिक व्यावसायी फले-फूले हैं. डा पूव्रे रविवार को राजद के व्यावसायिक प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे. प्रदेश कार्यालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता व्यावसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश गुप्ता ने की. प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सतीश गुप्ता ने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री सुशील मोदी के द्वारा बिक्री कर विभाग में जटिल नियमों को बनाये जाने के कारण व्यावसायिक वर्ग जितना प्रताड़ित हुए और आज भी उन्हीं नियमों के कारण प्रताड़ित हो रहे हैं. व्यवसायी वर्ग आगामी बिहार विधानसभा के चुनाव में भाजपा सहित उसके गठबंधन को करारा जवाब देगी. श्री मोदी ने जिस तरह व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का रजिस्ट्री मूल्य बढ़ा दिया. अब व्यावसायी वर्ग एक साधारण दूकान भी खरीदने की स्थिति में नहीं है. राजद शासन काल में ही बिहार का गौरव कहे जाने वाले खेतान मार्केट, महाराजा कॉम्प्लेक्स, डाकबंगला स्थित हरिनिवास जैसे छोटे-बड़े सैंकड़ों व्यावसायिक प्रतिष्ठान निर्मित हुए. इसमें हजारों की संख्या में व्यवसायी अपना रोजगार कर रहे हैं. मोदी के वित्तमंत्री रहते बिक्री कर विभाग का आतंक था, जिसके कारण पटना के एक्जीबिशन रोड स्थित राजा मार्केट लगातार एक महीने तक बंद रहा. एशिया का सबसे बड़ी दवा मंडी बिक्री कर विभाग के द्वारा आतंकित की जाती रही. भाजपा के द्वारा व्यवसायियों के प्रति घड़ियाली आंसू बहाने का जो नाटक किया जाता है, इसका पूरे राज्य में घूम-घूम कर परदाफाश किया जायेगा. प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव पी के चौधरी, डॉ प्रेम कुमार गुप्ता, मुकेश गुप्ता, अमरदीप प्रसाद, मीणा देवी, संजय कुमार गुप्ता, राम बाबू साह, संदीप बंका, रंजीत कुमार साह, कन्हैया लाल गुप्ता, सुरेंद्र प्रसाद, मनोज कुमार सहित सभी जिला के अध्यक्ष एवं प्रदेश पदाधिकारियों ने बैठक को संबोधित किया.

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