पटना: बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी करनेवाले नागेंद्र प्रसाद की हत्या के चश्मदीद नाविक बंदरवा को पुलिस सरकारी गवाह बनायेगी. जल्द ही पुलिस उसे कोर्ट में उसका 164 के तहत बयान दर्ज करायेगी. पुलिस का मानना है कि नागेंद्र की हत्या में बंदरवा शामिल नहीं था. लेकिन उसने नागेंद्र के हत्यारे को देखा था. उसी के नाव पर नागेंद्र की गोली मार कर हत्या करने के बाद शव को बीच गंगा में फेंक दिया गया था.
नागेंद्र को गोली मारने में अजय यादव, लल्लू तिवारी व वीरू शामिल थे. अजय व लल्लू ने ही नागेंद्र की हत्या की दो लाख रुपये में अशोक कुमार से सुपारी ली थी. फिलहाल अजय व लल्लू पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं. जिस नाव पर नागेंद्र की हत्या की गयी वह बंदरवा का अपना नहीं है. सुपारी की रकम में वीरु व मनीष को काफी कम रकम मिले हैं. सदर डीएसपी मुत्तिफक अहमद ने बताया कि शूटर अजय व लल्लू को पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
शव मिलने की संभावना नहीं: नागेंद्र का शव मिलने की संभावना नहीं के बराबर है. जिस दिन यानी 8 सितंबर को नागेंद्र की हत्या करने के बाद शव को बीच गंगा में बहा दिया गया. उस दिन गंगा में बाढ आया हुआ था. घटना के 13 दिन बीत गये.
पीसी कॉलोनी में करते थे तैयारी: गोपालगंज के बहथरी, भोपतापुर का मूल निवासी नागेन्द्र प्रसाद पीसी कॉलोनी के इ-सेक्टर में किराये का मकान लेकर रहता था. वह बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी करता था. उसकी मित्रता पीसी कॉलोनी के अशोक कुमार से सात साल पहले हुई थी. आठ सितंबर को अशोक नागेन्द्र प्रसाद को लेकर गया. उसके बाद से नागेन्द्र का पता नहीं था. भाई जीतेंद्र गुप्ता ने कंकड़बाग थाने में मामला दर्ज कराया था.