– दो अक्तूबर तक गुजरात के दो रूट पर चलने वाली तमाम गाडि़यों में होंगे बायो ट्वायलेट संवाददाता, पटनारेलवे सुरक्षित व आरामदेह मानी जाने वाली एलएचबी ( लिंक हाफमैन बुश) बोगियों का उत्पादन दोगुना करने जा रही है. रेलवे ने 2019-20 तक देश भर में मेन लाइन पर चलने वाले तमाम ट्रेनों को एलएचबी करने का लक्ष्य बनाया है. इसके बाद दूसरी डिजाइन की तमाम बोगियां बंद हो जायेंगी. रेलवे बोर्ड सदस्य (यांत्रिक) हेमंत कुमार ने बताया कि पहले एलएचबी कोच के स्प्रिंग बाहर से मंगाये जाते थे, लेकिन अब ग्वालियर कारखाने ने इसकी स्किल हासिल कर ली है. अगले साल से यह कारखाना आवश्यकतानुसार स्प्रिंग का उत्पादन करने लगेगा.दिसंबर 2015 तक चार रूटों पर बायो ट्वायलेटहेमंत ने बताया कि दिसंबर 2015 तक राजकोट-पोरबंदर, जम्मू कटरा व मानसी-रामेश्वरम सहित चार रूटों पर पूरी तरह से बायो ट्वायलेट लागू हो जायेगा. मतलब कि इन रूटों पर चलने वाली तमाम गाडि़यों में ग्रीन ट्वायलेट की व्यवस्था होगी. उन्होंने कहा कि नयी बन रही तमाम बोगियों में बर्थ लिखे जा रहे हैं. इसके साथ ही सभी श्रेणी के डिब्बों में मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट भी तैयार किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे हर दिन तीन लाख बेडरॉल इस्तेमाल करती है. इसकी धुलाई का इंतजाम अब खुद रेलवे करेगी. इसके लिए 64 मैकेनाइज्ड लाउंड्री की व्यवस्था हो चुकी है, जबकि साल के अंत तक 8-9 लाउंड्रीज और चालू हो जायेंगी. सदस्य रेलवे बोर्ड ने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत अब नन एसी ट्रेनों व सवारी डिब्बों में भी कचरा पेटी का इंतजाम किया जा रहा है. इस मौके पर सीपीआरओ अरविंद रजक व दानापुर डीआरएम एनके गुप्ता सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.
जोड़. सभी ट्रेनों में 2019-20 तक होंगे एलएचबी रैक
– दो अक्तूबर तक गुजरात के दो रूट पर चलने वाली तमाम गाडि़यों में होंगे बायो ट्वायलेट संवाददाता, पटनारेलवे सुरक्षित व आरामदेह मानी जाने वाली एलएचबी ( लिंक हाफमैन बुश) बोगियों का उत्पादन दोगुना करने जा रही है. रेलवे ने 2019-20 तक देश भर में मेन लाइन पर चलने वाले तमाम ट्रेनों को एलएचबी करने […]
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