Advertisement
बिहार ने भी मैगी पर लगाया प्रतिबंध
पटना : बिहार में तत्काल प्रभाव से मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. साथ ही मैगी के विज्ञापन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. होटल, रेस्त्रं, खुदरा और थोक दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे मैगी की बिक्री व भंडारण नहीं करें. जिनके पास मैगी बचा हुआ वे स्टॉकिस्ट […]
पटना : बिहार में तत्काल प्रभाव से मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. साथ ही मैगी के विज्ञापन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. होटल, रेस्त्रं, खुदरा और थोक दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे मैगी की बिक्री व भंडारण नहीं करें. जिनके पास मैगी बचा हुआ वे स्टॉकिस्ट को लौटा दें. सरकार ने इस पर एक माह के लिए प्रतिबंध लगाया है.
खाद्य सुरक्षा आयुक्तआनंद किशोर ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दूसरे राज्यों में मैगी में सेहत के लिए खतरनाक तत्व पाये गये हैं. इसी के आलोक में राज्य सरकार ने इस पर रोक लगाने का निर्णय लिया. प्रतिबंध के बाद अगर कोई इसकी चोरी-छिपे बिक्री, विज्ञापन या भंडारण करता है तो उसको खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धाराओं के तरह जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है.
सचिवालय स्थित सभागार में आनंद किशोर ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों से भेजे गये 27 सैंपल की रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. लोक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट मिलने के पूर्व ही सरकार ने यह निर्णय लिया है. बिहार में मैगी के उत्पादन की कोई भी इकाई नहीं है. दूसरे राज्यों में इसकी उत्पादन इकाई है जहां से बिहार में इसकी आपूर्ति की जाती है. वहां पर जांच के दौरान मैगी में शीशा और अजीनोमोटो की निर्धारित से अधिक मात्र पायी गयी है. उन राज्यों ने मैगी पर प्रतिबंध भी लगा दिया है. इसके आलोक में बिहार में भी बिक्री पर रोक लगा दी गयी है.
जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट आने तक इंतजार नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि आगामी तीन दिनों के अंदर राज्य के सभी जिलों से अलग-अलग बैच के मैगी के 50 से अधिक सैंपल एकत्र कर जांच के लिए सरकारी प्रयोगशाला में भेजा जायेगा. इसकी रिपोर्ट 14 दिनों में सरकार को मिल जायेगी जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने स्पष्ट किया कि बिहार के नमूनों की जांच अगर दूसरे राज्यों में करायी जाती है और उसके रिपोर्ट में मानक में कमी पायी जाती है तो उस आधार पर मुकदमा दायर करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है.
खाद्य प्रयोगशाला तो है पर योग्य विश्लेषक नहीं मिल रहे
राज्य सरकार के पास अपना एक खाद्य प्रयोगशाला,अगमकुआं में है. स्थिति यह है कि सरकार को खाद्य के नमूनों की जांच करने के लिए खाद्य प्रयोगशाला में योग्य विश्लेषक नहीं मिल रहा है. इसी के कारण राज्य में खाद्य के नमूनों की जांच बंद है और इसके लिए दूसरे राज्यों में खाद्य पदार्थो की जांच के लिए भेजा जाता है.
खाद्य सुरक्षा आयुक्त आनंद किशोर ने बताया कि इस कमी को दूर करने के लिए विभिन्न स्तर के 550 पदों के सृजन करने की कार्रवाई अंतिम चरण में है. इसमें लोक खाद्य विश्लेषक, खाद्य निरीक्षक और प्रयोगशाला सहायक जैसे पद शामिल हैं. जब तक स्थायी नियुक्ति नहीं की जाती तब तक संविदा के आधार पर योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की जायेगी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement