संवाददाता, पटना आवामी उर्दू निफाज कमेटी ने वरीय लेखक अशरफ अस्थानवी की पुस्तक ‘ मुझे बोलने दो ‘ से ‘ मुझे चुप रहने दो ‘ तक : रिजवान अहमद का विमोचन उर्दू भवन में किया. पुस्तक का विमोचन गांधी संग्रहालय के सचिव डॉ रजी अहमद ने किया. रजी अहमद ने कहा कि आज मुल्क विकट परिस्थिति से गुजर रहा है. लोकतंत्र और संविधान खतरे में हैं. सत्ता तो लोकतंत्र में बदलती रहती है, लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में कुछ ऐसे लोग सत्ता सीन हो जाये, जिनका भारतीय संविधान में विश्वास ही नहीं है तो यह हम सबके लिए चिंता का विषय है. ऐसे लोग लोकतंत्र के लिए निश्चित रूप से खतरनाक हैं. पुस्तक के लेखक अशरफ अस्थानवी ने कहा कि यह पुस्तक 248 पृष्ठों पर आधारित है. इसमें पत्रकार व लेखक रिजवान अहमद के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में छपे लेखों में पचास प्रमुख लेखों का संकलन किया गया है. उन्होंने कहा कि मो रिजवान ने उर्दू पत्रकारिता को नयी दिशा दी थी. मौके पर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ मनाजिर आशिफ हरमानवी, अहमद जावेद, प्रोफेसर रिजाजुलबारी, मोनाजिर सोहैल, प्रो मो सलाम, इंजीनियर मोहम्मद हुसैन समेत कई लोग मौजूद थे.
अशरफ अस्थानवी की पुस्तक का उर्दू भवन में विमोचन
संवाददाता, पटना आवामी उर्दू निफाज कमेटी ने वरीय लेखक अशरफ अस्थानवी की पुस्तक ‘ मुझे बोलने दो ‘ से ‘ मुझे चुप रहने दो ‘ तक : रिजवान अहमद का विमोचन उर्दू भवन में किया. पुस्तक का विमोचन गांधी संग्रहालय के सचिव डॉ रजी अहमद ने किया. रजी अहमद ने कहा कि आज मुल्क विकट […]
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