पटना: पटना हाइकोर्ट ने नगर निगम को लावारिस जानवरों के शवों को शहर से दूर ले जाकर निष्पादित करने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने गुरुवार को इस बात पर नाराजगी जतायी कि कोर्ट के आदेश के बावजूद शवों को गंगा नदी व शहर के आसपास नालों में फेंका जा रहा है. कोर्ट ने चेतावनी दी कि यह अवमाननावाद का मामला है. नगर निगम एक्ट में इसके लिए स्पष्ट प्रावधान है, पर उसका पालन नहीं हो रहा है. निगम के अधिकारी 16 सितंबर को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब दें कि वे इस मामले में कौन-सा कदम उठा रहे हैं.
उपभोक्ता फोरम की बदहाली पर कोर्ट की फटकार : हाइकोर्ट ने राज्य भर में जिला उपभोक्ता फोरम की बदहाली पर विभागीय अधिकारी को फटकार लगायी. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने सुनवाई में कहा कि अधिकारी उतना ही करते हैं, जितना कहा जाता है. ऐसा लगता है कहीं कोई जिम्मेवारी का एहसास ही नहीं है. फोरम में कर्मचारियों की कमी है.
भवन जीर्ण-शीर्ण हालात में हैं. कार्यालयों की स्थिति बदतर है. एक साल से कहा जा रहा है पर कोई असर नहीं हो रहा है. कोर्ट ने निर्देश जारी किया कि 16 सितंबर को काउंटर एफिडेविट कर बतायें कि सुधार के लिए क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा व राज्य उपभोक्ता फोरम की सचिव गीता वर्मा उपस्थित थे. प्रशांत सिन्हा की लोकहित याचिका पर सुनवाई चल रही है. श्रीमती वर्मा ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 1997 में विभाग के द्वारा 24.33 लाख रुपये दिये गये थे, लेकिन खर्च करने की शर्त इतनी कठिन थी कि पैसा बैंक में पड़ा हुआ है, जो अब बढ़ कर अब 40 लाख रुपये हो गया है.