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जांच के आदेश के बजाय मुकदमा की धमकी दे रही सरकार: मोदी

संवाददाता, पटनापूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिना निविदा के ट्रांसफॉर्मर खरीद में 37 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की जांच का आदेश देने के बजाय सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को मेरी चुनौती है कि अगर हिम्मत है […]

संवाददाता, पटनापूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिना निविदा के ट्रांसफॉर्मर खरीद में 37 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की जांच का आदेश देने के बजाय सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को मेरी चुनौती है कि अगर हिम्मत है तो मुझ पर मुकदमा करे. उन्होंने कहा कि सरकार 2012 की निविदा के आधार पर तीन साल बाद बिना निविदा के हुई ट्रांसफॉर्मर खरीद की तुलना कर भ्रमित करने का प्रयास नहीं करे. सरकार से 15 दिनों के अंदर महालेखाकार से पूरी खरीद की जांच कराने और जांच पूरी होने तक सभी कामों पर रोक लगाने की मांग की. मोदी ने कहा कि जिलों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत संपूर्ण कार्यों के लिए 2012 में निविदा निकाली थी. तीन साल बाद जब ट्रांसफॉर्मर बदलने के लिए निविदा निकाली गयी, तो कंपनी नहीं आयी. लेकिन, सरकार ने 2012 की निविदा से आठ-दस आइटम्स को अलग निकाल कर मनमाने तरीके से पूर्व की दर पर ही आपूर्ति का आदेश दे दिया. क्या सरकार को बिना निविदा के इतनी बड़ी राशि का काम आवंटित करने का अधिकार है? बिना निविदा के ट्रांसफॉर्मर और अन्य बिजली उपकरणों की खरीद का आदेश देकर सरकार ने जहां नियम, प्रक्रिया की धज्जियां उड़ायी हंै, वहीं चुनावी लाभ लेने का जुगाड़ लगाया है. सरकार बताएं कि एक ही आइटम की दर में अलग-अलग जिलों में इतना अंतर क्यों हैं? क्या ट्रांसफॉर्मर की आपूर्ति दर एक ही राज्य में अलग-अलग जिलों के लिए एक लाख चार हजार से एक लाख 60 हजार तक हो सकती है? क्या एबी स्विच की दर 1662 से लेकर 58 हजार रुपये तक हो सकती है? जीआइ सेट की न्यूनतम दर 71 हजार और अधिकतम एक लाख एक हजार तक हो सकती है?

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