पटना सिटी: महात्मा गांधी सेतु पर बुधवार को भी दस घंटे से अधिक समय तक रुक-रुक कर जाम लगता रहा. जाम से निबटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को भी लगाया गया, पर उनकी भी कोशिश भी वाहनों के बढ़ते दबाव की वजह से नाकाम हो गयी. ऐसे में सेतु की जाम ने एनएच को भी प्रभावित कर दिया. राष्ट्रीय उच्च पथ पर भी वाहनों के रेंगने का सिलसिला कायम रहा.
पुलिसकर्मियों की मानें, तो हाजीपुर क्षेत्र में पाया संख्या 32 के पास निर्माण सामग्री गिराये जाने की वजह से सेतु पर मंगलवार की देर रात से ही रुक-रुक कर जाम लग रहा था, जो बुधवार की दोपहर एक बजे तक बना रहा. हालांकि , इसके बाद थोड़ी राहत मिली, लेकिन शाम होने के साथ समस्या फिर गंभीर हो गयी. शाम में भी करीब तीन घंटे तक जाम की स्थिति सेतु पर दिखी. दरअसल सेतु की संख्या 46 से 38 के बीच में परिचालन एक लेन हाजीपुर से पटना आनेवाले मार्ग पर होता है. इस कारण पहले से ही जाम की समस्या गंभीर थी, उस पर वाहनों के दबाव ने जाम और बढ़ा दिया. स्थिति यह थी कि वाहनों का काफिला सरपट दौड़ने के बदले रेंग रहा था. खासतौर पर यह स्थिति पटना से हाजीपुर जानेवाले मार्ग पर अधिक थी. ऐसे में वाहनों में सवार यात्री कैद की स्थिति में थे. वे चाह कर भी इधर- से- उधर नहीं जा पा रहे थे.
जाम से निबटने के लिए आलमगंज, अगमकुआं व यातायात थानों की पुलिस के साथ जिला से आये एक दर्जन से अधिक अतिरिक्त पुलिस बल को भी लगाया गया था, फिर भी जाम था कि टूटने का नाम नहीं ले रहा था.
एनएच पर भी थम गये वाहनों के पहिये
महात्मा गांधी सेतु पर जाम की समस्या जीरो माइल बड़ी पहाड़ी के पास से आरंभ होने जाने की स्थिति में एनएच-30 पर भी वाहनों के परिचालन में मुश्किलें आने लगीं. खासतौर पर पूरब में मसौढ़ी मोड़ तक जीरो माइल पर जाम लगने से एनएच की सड़कें बाधित हो रही थीं. इधर, पश्चिम में भी कुछ इसी तरह की स्थिति थी. एनएच पर भी जाम बढ़ते हुए दीदारगंज चेक पोस्ट से आगे तक पहुंच गया था, जबकि पश्चिम में जाम की यह स्थिति जीरो माइल से नंदलाल छपरा से आगे तक बनी थी.