आज वहीं किसान मुआवजे की राशि के लिए लालायित है. सरकार इमानदार होती तो किसानों को आज मुआवजे के लिए आंदोलन व धरना नहीं करना पड़ता. लेकिन मैं बिहटा के किसानों से ली गयी भूमि का अधिग्रहण के बाद सूबे की मुखिया नीतीश कुमार दिशाहीन कार्य कर खुद कॉरपोरेट जगत का एजेंट बन चुके है.
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आंदोलन से आइआइटी का निर्माण कार्य हुआ ठप
बिहटा: जमीन की मुआवजे की मांग को लेकर बिहटा के किसानों का आंदोलन तीसरे दिन सोमवार को और तेज हो गया. किसानों के समर्थन में मेगा औद्योगिक पार्क में निर्माणाधीन आइआइटी, फुट वेयर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट(एफएफडीडीआइ), रेमंड, हीरो साइकिल आदि के भवन का कार्य पूर्णत: ठप हो गया है. वहीं आइआइटी परियोजना मंडल के […]
बिहटा: जमीन की मुआवजे की मांग को लेकर बिहटा के किसानों का आंदोलन तीसरे दिन सोमवार को और तेज हो गया. किसानों के समर्थन में मेगा औद्योगिक पार्क में निर्माणाधीन आइआइटी, फुट वेयर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट(एफएफडीडीआइ), रेमंड, हीरो साइकिल आदि के भवन का कार्य पूर्णत: ठप हो गया है. वहीं आइआइटी परियोजना मंडल के कार्यपालक अभियंता नवीन कुमार ने कहा की अगर किसानों का आंदोलन लंबा खिंचता है व असामाजिक तत्वों के द्वारा मजदूरों को डराते-धमकाते रहे तो निर्माण कार्य का निर्धारित समय काफी दिनों के लिए बढ़ सकता है.
सोमवार को बड़ी संख्या में दूसरे शहरों से करीब आधा दर्जन किसानों ने धरना स्थल पर पहुंच बिहटा के किसानों की मांग को जायज बताते हुए उनका भरपूर समर्थन देने का आश्वासन दिया. इस मौके पर धरना को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र चौधरी राकेश सिंह टिकैत, केरल राज्य से आये केजे जोसमन, महाराष्ट्र से आये गिरिनर नायक, स्वामी सहजानंद सरस्वती, सामाजिक न्याय मंच के अध्यक्ष रोहित कुमार, अमित राय गांधी, प्रभात बटालियन, डॉ. श्यामनंदन सिंह आदि ने कहा की देश की चौमुखी विकास के लिए कई जगहों पर भूमि का अधिग्रहण हुआ है और किसानों को उचित मुआवजे भी मिला है. सूबे के मुख्यमंत्री को किसानों की चिंता नहीं है. जिस किसानों के बल पर बिहार में गुणात्मक विकास करने की बात कह नीतीश जी कई गोल्ड मेडल प्राप्त किये है. वहीं किसानों पर आज दमनात्मक कार्रवाई कर इन्हे कुचलने की कवायद शुरू कर दी है. उन्होंने कहा की पूरे देश में आज बिहार की विकास की चर्चा हो रही है, क्या इस विकास में बिहटा के किसानों का कोई सहयोग नहीं है. जिस बिहटा के किसानों ने विकास के नाम पर करीब दो हजार एकड़ की भूमि बिहार सरकार को देकर नितीश कुमार को विकास पुरु ष का तगमा दिलाया.
इस तानाशाह रवैये से किसान डरने वाले नहीं है. उन्होंने किसानों से कहा की आप लोग बिहटा के अधिग्रहित भूमि मे चल रहे भिन्न-भिन्न संस्थाओं का निर्माण कार्य को बंद कराते हुए तालाबंदी करो हम लोग दिल्ली सहित अन्य राज्यों मे तालाबंदी कर देश की मुखिया का नींद हराम कर देंगे. उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा की अगर एक सप्ताह में राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो हमलोग अपनी जमीन पर कब्जा करेंगे. मौके पर मुखिया डॉ आनंद कुमार, अजीत कुमार सिंह, पैक्स अध्यक्ष सुधीर कुमार, सहदेव राय, नरेश सिंह, शशिकांत सिंह, रवींद्र कुमार, गुड्डू कुमार, अमित्रजीत कुमार, प्रेमराज, सुष्मित कुमार आदि मौजूद थे.
मजदूरों के साथ मारपीट व डराने धमकाने का आरोप
बिहटा के मेगा औद्योगिक पार्क मे भिन्न-भिन्न संस्थाओ का हो रहा निर्माण कार्य को ठप कराने के लिए कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा मजदूरों को डरा-धमका कर उन्हें भागने का मामला प्रकाश मे आया है. इस संबंध मे आइआइटी परियोजना मंडल के कार्यपालक अभियंता नवीन कुमार, एफएफडीडीआइ के परियोजना अभियंता शिव शंकर सिंह, हीरो साइकिल के अधिकारी शंकर कुमार शर्मा आदि ने बिहटा थाने में आवेदन देते हुए असामाजिक तत्वों के द्वारा मजदूरों को डराने-धमकाने का आरोप लगते हुए सुरक्षा की मांग की है. उनका कहना था की निर्माण कार्य मे लगे मजदूर बाहर के है. वहीं असामाजिक तत्वों के द्वारा उपद्रव फैलाने के कारण मजदूर निर्माण कार्य को ठप कर पलायन कर रहे है. अगर स्थानीय प्रशासन के द्वारा सुरक्षा प्रदान नहीं की गयी तो सारे मजदूर भाग जायेंगे व पुन: कार्य प्रारंभ करना मुश्किल होगा. वहीं आइआइटी मे निर्माण कार्य बंद होने के कारण मुख्य सड़क पर माल लाद कर खड़ी ट्रक की लंबी लाइन खड़ी हो गयी है.
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