संवाददाता.पटनापूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों का मामला उलझाना चाहती है. रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि जब सरकार के कार्यकाल का महज चार महीना बचा है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने के मामले को वार्ता और समिति में उलझाने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा मनोनीत मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने फरवरी के शुरू में ही नियोजित शिक्षकों की मांगों पर कमेटी गठित करने का निर्णय लिया था. नीतीश कुमार चाहते तो दो महीना पहले ही कमेटी गठित कर देते. मगर उनकी रूचि नियोजित शिक्षकों की समस्याओं को सुलझाना नहीं बल्कि समिति के पेच में फंसाना है. उन्होंने कहा कि सरकार ने इसी प्रकार अब सरकार वित्तरहित डिग्री और इंटर कॉलेजों के पांच साल के बकाये अनुदान के मुद्दे पर भी चुप्पी साध ली है. मोदी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की पेंशन योजना को लागू करने के लिए क्या किसी समिति की जरूरत है? इसके लिए तो महज सरकार को अपना अंशदान जमा करना है. इसी प्रकार अंतर इकाई स्थानांतरण के निर्णय को लागू करने के लिए समिति की क्या जरूरत है, इसकी घोषणा तो सरकार पहले ही कर चुकी है. विगत तीन वर्षों से नियोजित शिक्षकों को बैंकों के जरिये नियमित वेतन भुगतान की मांग होती रही है. सरकार की घोषणा के बावजूद आज भी शिक्षकों को छह से आठ महीने विलंब से वेतन भुगतान हो रहा है. नियमित वेतन भुगतान के लिए क्या समिति की जरूरत है?
सरकार नियोजित शिक्षकों का मामला उलझाना चाहती है: मोदी
संवाददाता.पटनापूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों का मामला उलझाना चाहती है. रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि जब सरकार के कार्यकाल का महज चार महीना बचा है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने के मामले को वार्ता और समिति में उलझाने में […]
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