पटना : हाइकोर्ट के आदेश के बाद दो सप्ताह के अंदर बैरिया में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का काम शुरू करना संभव नहीं दिख रहा है. पटना हाइकोर्ट के आदेश दिये एक सप्ताह का समय बीत गया है. एक सप्ताह का समय अभी और बचा है, लेकिन इस दिशा में आगे की कोई खास कार्रवाई नहीं हो पायी है.
सूत्रों की मानें तो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए अभी तक नगर निगम से बुडको को एनओसी ही नहीं मिला है. जब एनओसी ही नहीं मिला तो दो सप्ताह के अंदर कचरा प्रोसेसिंग यूनिट लगने की प्रक्रिया का सवाल ही कहां उठता है.
क्या है कोर्ट का आदेश
पटना हाइकोर्ट ने दो सप्ताह के अंदर रामाचक बैरिया में कचरा प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है. अगर दो सप्ताह में इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी तो वहां कूड़ा गिराने पर रोक लगा दी जायेगी. पटना हाइकोर्ट न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार मिश्र की खंडपीठ ने सुरेश प्रसाद यादव की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 21 अगस्त को यह आदेश दिया था.
नगर निगम बैरिया डंपिंग यार्ड कितना कूड़ा गिरा रहा है इसका आकलन भी नहीं हो पाया है. प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए यह जानना जरूरी है कि कितना कूड़ा गिराया जा रहा है. कूड़े की क्षमता के अनुसार प्रोसेसिंग यूनिट को लगाया जाना है.
कूड़े से दिन–रात निकलता है धुआं
बैरिया में कचरा प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाना था. इससे विद्युत उत्पादन प्लांट के साथ साथ कंपोस्ट बनाने वाली प्लांट की भी योजना थी. इस प्लांट को लगाने के लिए बैरिया में 80 एकड़ भूखंड का अधिग्रहण किया गया. लेकिन सच्चई यह है कि भूखंड पर कोई प्लांट तो नहीं लगा, पर कचरों का पहाड़ जरूर बन गया है.
इससे डंपिंग यार्ड के करीब दो किलोमीटर के परिधि में रहने वाली लोग गंदगी से परेशान हैं. दिन रात कूड़े से धुआं निकलता रहता है.