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दवा किल्लत पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

विधानमंडल सत्र: शून्यकाल में विपक्ष का हंगामा, पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित पटना : बिहार विधानसभा में अस्पतालों में दवा की किल्लत मामले पर शून्यकाल में विपक्ष ने जम कर हंगामा किया. सरकार से जवाब की मांग करते हुए विपक्षी सदस्य वेल में आ गये और सरकार विरोधी नारे लगाये. इस दौरान […]

विधानमंडल सत्र: शून्यकाल में विपक्ष का हंगामा, पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित
पटना : बिहार विधानसभा में अस्पतालों में दवा की किल्लत मामले पर शून्यकाल में विपक्ष ने जम कर हंगामा किया. सरकार से जवाब की मांग करते हुए विपक्षी सदस्य वेल में आ गये और सरकार विरोधी नारे लगाये. इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच हल्की नोक-झोंक भी हुई. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी. अब बिहार विधानसभा की कार्यवाही सोमवार (20 अप्रैल) को 11 बजे शुरू होगी.
शून्यकाल में भाजपा विधायक प्रेम कुमार ने सूबे के अस्पतालों में दवाओं की किल्लत का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं का भी अभाव है. न तो खांसी की, न बुखार की दवा है और न ही सांप या कुत्ता काटने की दवा. सरकार सोई हुई है. मरीज मर रहे हैं.
सरकार इस पर कार्रवाई करे. सरकार द्वारा कोई जवाब नहीं देने पर विपक्ष हंगामा करने लगा और वेल पर आ गया. स्पीकर ने विपक्ष से कहा कि वे शून्यकाल में सूचना देने के बाद उत्तर देने के लिए सरकार को बाध्य नहीं कर सकते हैं. नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव भी लगातार सरकार से जवाब की मांग करने लगे. दवाओं की आपूर्ति करनी होगी से लेकर मरीज विरोधी सरकार, जो सरकार निकम्मी है उस सरकार को बदलनी है जैसे नारे भी लगे.
कार्यवाही स्थगित होने के बाद विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन की कार्यवाही जिस प्रकार पूरे दिन के लिए स्थगित की गयी है, यह आश्चर्यजनक है. जब तक सरकार का काम था तो विधानसभा चलता रहा. जब बजट पास हो गया और अब जब विधायक गैर सरकारी संकल्प के जरिये अपने क्षेत्र का मामला उठा सकते थे तो सदन को स्थगित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार के पास जनहित की समस्याओं के समाधान का कोई विचार नहीं है और न ही वह समाधान चाहती है.
जनहित के सवालों से सरकार कटघरे पर खड़ा हो जाती. इसलिए ही सरकार के दबाव में स्पीकर ने यह फैसला लिया, जो अलोकतांत्रिक है और विधायकों के लिए अपमानजनक है. शून्यकाल में विपक्ष के हंगामे के बीच विधायक पूनम देवी यादव ने धान के तर्ज पर गेहूं खरीद में बोनस देने की मांग की.
विधायकों का समय बरबाद कर रहा विपक्ष : विपक्ष के हंगामे पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि हर दिन इसी तरह से विधायकों का समय बरबाद किया जा रहा है. विपक्ष अगर विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली से सवाल लायेगी, तो सरकार जवाब देगी. हर दिन ऐसे ही सदन की कार्यवाही बाधित करने से कार्य संचालन नियमावली का भी उल्लंघन है.
टैबलेट खत्म तो सूई दे रहे डॉक्टर : नंदकिशोर
पटना. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि बिहार में बड़े पैमाने पर नकली दवा का कारोबार होता है. इससे सरकार इनकार नहीं कर सकती. दवा के नकली कारोबार को रोकने के लिए सरकार के पास नीति क्या है, इस बारे में कुछ नहीं बोल रही है.
सरकारी अस्पतालों में गरीबों को दी जानेवाली दवाओं का घोर अभाव है. राज्य भर से सिविल सजर्न की रिपोर्ट से साफ है कि दवाओं की घोर कमी है. बेतिया में सात, जहानाबाद में 16, छपरा-खगड़िया में 17, मोतिहारी में 22, मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में 24, रोहतास में 26 और पटना के पीएमसीएच में 31 दवाएं ही नि:शुल्क उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में अब टैबलेट खत्म हो गया तो इलाज के लिए डॉक्टर सूई दे रहे हैं.
इसका खुलासा फुलवारी शरीफ में हुआ है.
औने-पौने दाम पर दी गयी सरकार जमीन
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की जमीन लोगों को औने-पौने दाम में दी गयी है. मुजफ्फरपुर और पटना में बने मॉल भी सरकार की जमीन पर बने हैं. इंडस्ट्रियल एरिया की जमीन का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसमें बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्रियों की भी संलिप्तता है. सरकार की एक पूर्व मंत्री व एक वर्तमान मंत्री के करीबी रिश्तेदार को यह जमीन दी गयी थी.
विपक्ष ने की सीबीआइ जांच की मांग
पटना : बिहार विधानसभा में अस्पतालों में दवाओं की कमी और दवा घोटाले के सवाल पर विपक्ष समेत सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी राज्य सरकार को घेरा. विधायक महेंद्र बैठा, प्रेम कुमार, जदयू विधायक इजहार अहमद, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने भी स्वास्थ्य से जुड़े कई सवाल किये.
स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने कई पूरक प्रश्न किये, लेकिन जवाब नहीं आने पर सदस्यों में मायूसी दिखी. विधायक प्रेम कुमार के सवाल पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश में दवा घोटाला नहीं हुआ है.
आठ दवाओं की जांच बीएमआइसीएल ने और दो की केंद्रीय लैब के जांच करायी गयी है. जांच के बाद ही दवाओं का वितरण हुआ है. विपक्ष ने दावा किया कि सूबे में 100 करोड़का दवा घोटाला हुआ और बिना जांच के ही दवाओं का वितरण शुरू कर दिया गया. इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री ने इसे खारिज कर दिया.
जदयू विधायक इजहार अहमद के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार में नकली दवा नहीं बिकती है. ऐसे में ऐसी दवाओं का सालाना कारोबार कितने का होता है, इसका स्पष्ट आंकड़ा नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने इस पर कहा कि यह पक्ष-विपक्ष का सवाल नहीं, बल्कि जनहित का सवाल है. नकली दवा खाने से लोग मरते हैं. नकली दवा के कारोबार को रोकने के लिए सरकार के पास सक्षम कदम और नीति नहीं है. विपक्षी सदस्यों द्वारा लगातार मांग करने पर स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने इस सवाल को ध्यानाकर्षण समिति को देने का निर्देश दिया.
इतना ही नहीं जदयू विधायक मनीष कुमार के सवाल पर मंत्री ने कहा कि दंत चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. सूबे के अस्पतालों व कॉलेजों में डेंटिस्ट के 69 पदों में से 15 पर ही डॉक्टर कार्यरत हैं, बाकी रिक्त पदों को जल्द भर दिया जायेगा.
इसके अलावा जनक सिंह के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सारण जिला के कई उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन तैयार हो चुका है और एक सप्ताह में चालू कराया जायेगा. विधानसभा में गोपालजी ठाकुर, राजेश्वर राज, रामचंद्र सदा, सुजाता देवी, अख्तरूल इस्ताम शाहिन, सचींद्र प्रसाद सिंह, अजीत शर्मा, सुरेश कुमार शर्मा व ज्योति रश्मि ने भी ऊर्जा, ग्रामीण विकास, पर्यटन व स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सवाल किये.

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