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नहीं सुलझा भूतपूर्व सैनिक की विधवाओं को जमीन देने का मामला

संवाददाता, पटना सरकार के दो बार सदन में जवाब देने के बाद भी भूतपूर्व सैनिक की विधवाओं व आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा फ्लैट एवं जमीन देने का मामला नहीं सुलझा सका. विधानसभा मे मंजित कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में नगर विकास एवं आवास मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने साफ कह दिया […]

संवाददाता, पटना सरकार के दो बार सदन में जवाब देने के बाद भी भूतपूर्व सैनिक की विधवाओं व आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा फ्लैट एवं जमीन देने का मामला नहीं सुलझा सका. विधानसभा मे मंजित कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में नगर विकास एवं आवास मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने साफ कह दिया कि विवेकाधिकार कोटा को समाप्त करने का निर्णय सरकार ने लिया है. आवास बोर्ड की जिस नियमावली के तहत इसे अधिकार को समाप्त करने की बात कही गयी थी, उससे संबंधित अधिसूचना को लेकर मंत्री ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. विधानसभा में गुरुवार को मंजित कुमार सिंह का स्थगित अल्पसूचित प्रश्न को लेकर पुन: एक बार चर्चा की गयी. उन्होंने सरकार से सशस्त्र झंडा दिवस सात दिसंबर, 2006 की पुस्तिका का हवाला देते हुए पूछा था कि भूतपूर्व सैनिक की विधवाओं एवं आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा फ्लैट, मकान एवं जमीन देने का प्रावधान किया गया है. सरकार की घोषणा के बाद अभी तक ऐसी विधवाओं को कोई फ्लैट व जमीन नहीं दी गयी है. ऐसी स्थिति में ऐसे परिवारों के सामने आवास की गंभीर समस्या बन गयी है. इसके जवाब में नगर विकास मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि सैन्य सेवा की विधवाओं को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल द्वारा इस पर रोक लगा दी गयी. इस पर आपत्ति करते हुए मंजित सिंह ने कहा कि सरकार जिस ऐच्छिक कोटे और प्रावधान की बात कर रही है वह सैन्य सेवा के विधवाओं पर लागू नहीं होता. सैन्य सेवा की विधवाओं को दिया जानेवाला आवास या भूखंड कोटे के तहत आता है, जिसको अभी तक निरस्त नहीं किया गया है. दो बार के बाद भी सरकार मंजित सिंह को जवाब से संतुष्ट नहीं कर सकी.

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