संवाददाता,पटना. पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने पद्म पुरस्कारों पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के स्टैंड को सही माना है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां पद्म पुरस्कारों के वितरण में पारदर्शिता नहीं है. अयोग्य और नाकाबिल लोग पैरवी के जरिये पद्म अलंकरण हासिल कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि पुरस्कार और अलंकरण के वितरण में दुनिया में अंगुली उठती रही है. यहां तक कि 1913 में जब पहली बार एक गैर यूरोपीय रवींद्रनाथ ठाकुर को साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था उस पर भी विवाद हुआ था. फिल्म के सबसे बड़े पुरस्कार ऑस्कर के लिए भी लॉबिंग करने में काफी धन खर्च किया जाता है. इन पुरस्कारों या अलंकरण के वितरण में गड़बड़ी होती है, तो क्या इन्हें बंद कर देना ही एक मात्र समाधान नहीं हो सकता है. आज हर जगह गड़बड़ी दिखती है. शिवानंद ने सवाल किया कि शरद यादव ने इस बार भी पद्म अलंकरण के लिए गुड़गांव के डॉ जगपाल यादव के नाम की अनुशंसा की थी. मैं उनसे नम्रतापूर्वक जानना चाहूंगा कि जब वे केंद्र में मंत्री थे, तब क्या कभी उन्होंने भारत रत्न के लिए कर्पूरी ठाकुर जी का नाम कैबिनेट की किसी बैठक में प्रस्तावित किया था. शरद जी कर्पूरी जी कोे अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं. इसलिए बिहार के लोगों को इस जानकारी में रुचि होगी.
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पद्म पुरस्कार पर शरद जी ठीक कहते हैं : शिवानंद तिवारी,सं
संवाददाता,पटना. पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने पद्म पुरस्कारों पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के स्टैंड को सही माना है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां पद्म पुरस्कारों के वितरण में पारदर्शिता नहीं है. अयोग्य और नाकाबिल लोग पैरवी के जरिये पद्म अलंकरण हासिल कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि पुरस्कार और अलंकरण के वितरण […]
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