संवाददाता, पटनाइंटरनेट व तकनीक की दुनिया के बावजूद हमारे राज्य के दृष्टिहीन छात्र-छात्राएं बे्रल बुक के अभाव में पढ़ाई कर रहे हैं. इससे दृष्टिहीन छात्र-छात्राओं का विकास नहीं हो पा रहा है. वे सुविधाओं के अभाव में समाज में उपेक्षित जीवन जी रहे हैं. ऐसे में अब विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों को अब इसके लिए आगे आना होगा. उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा के दायित्वों को समझना होगा. ये बातें ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड एसोसिएशन के अध्यक्ष एकके मित्तल ने कही. वे शनिवार को बिहार नेत्रहीन परिषद की ओर से इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन सभागार में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार ‘ एडवोकेसी सेल ‘ पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि जब तक अपने अधिकारों के साथ-साथ दायित्वों को नहीं समझेगें, तब तक समाज का विकास नहीं हो पायेगा. दृष्टिहीनों के विकास के लिए कानूनों के साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को समझना होगा. हर संभव मदद का आश्वासन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए समाज कल्याण मंत्री लेसी सिंह ने विकलांगों व दृष्टिहीनों के विकास के लिए हर संभव मदद करने बात कही. उन्होंने कहा कि उनके विकास के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है. उन्होंने जल्द ही दृष्टि बाधित छात्र-छात्राओं के ब्रेल बुक की भी व्यवस्था कराने की बात कही. नेत्रहीन परिषद के महासचिव विजय कुमार सिंह ने बताया कि दो दिवसीय सेमिनार में बिहार व झारंखड से कुल 35 दृष्टि बाधित शिक्षक भाग ले रहे हैं. इन शिक्षकों को एडवोकेसी कार्यक्रम के जरिये अधिकारों व कानून का इस्तेमाल करने की जानकारी दी जा रही है. ताकि वे दृष्टिहीनों के विकास संबंधी योजनाओं का लाभ ले सकें.
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अधिकारों की रक्षा के लिए दायित्वों को समझना जरूरी
संवाददाता, पटनाइंटरनेट व तकनीक की दुनिया के बावजूद हमारे राज्य के दृष्टिहीन छात्र-छात्राएं बे्रल बुक के अभाव में पढ़ाई कर रहे हैं. इससे दृष्टिहीन छात्र-छात्राओं का विकास नहीं हो पा रहा है. वे सुविधाओं के अभाव में समाज में उपेक्षित जीवन जी रहे हैं. ऐसे में अब विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों को अब इसके […]
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