मसौढ़ी : गणितज्ञ व सुपर 30 के संचालक आनंद के गांव देवदहा में नाली व सड़क विवाद में आनंद के घर के नाले के पानी की निकासी बंद होने से जलजमाव की स्थिति बन गयी है. वहीं, गांव के अन्य 20 घरों के पानी की निकासी बंद हो गयी है. हालांकि, गरमी का मौसम होने से जमा पानी तेजी के साथ सूख जा रहा है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है.
यदि बरसात से पहले नाली विवाद को सुलझाया न गया, तो स्थिति और भी नारकीय हो सकती है. बता दें कि आंनद के गांव धनरूआ के देवदहा में बीते कई दिनों से भूमि विवाद को लेकर नाले के पानी की निकासी बंद हो गयी है. वहीं, गांव के ही उपेंद्र सिंह और सुनील सिंह द्वारा वीर बरबिगहा रोड से देवदहा जानेवाली कच्ची सड़क को जेसीबी मशीन से काट देने के बाद अब गांव में अब एक और नया विवाद पैदा हो गया है.
सड़क को काटनेवाले उपेंद्र सिंह के भतीजे चंदन कुमार का दावा है कि यह कच्ची सड़क उसकी निजी जमीन में है. इसलिए वे लोग अपनी जमीन पर मिट्टी का भराव कर रहे हैं. इसको लेकर गांव में दो गुटों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है. इसकी सूचना मिलने पर गुरुवार को धनरूआ सीओ विभा रानी तथा थानाध्यक्ष अजीत कुमार गांव पहुंचे और विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच जमीन नापी कराने को लेकर शनिवार को मौके पर मौजूद रहने को कहा.
मिट्टी भर कर रोक दी पानी की निकासी
आनंद समेत गांव के करीब 20 घरों का पानी कई वर्षो से गांव के पूरब दिशा में सुनील सिंह की जमीन में गिर रहा था, लेकिन बाद में बीते तीन साल से सुनील सिंह ने अपनी जमीन में पानी निकासी पर रोक लगा दी.
इसको लेकर गांव के लोगों ने नाली के पानी निकासी के लिए गांव के उत्तर दिशा के दरधा नदी में करना चाहा, लेकिन गांव के उपेंद्र सिंह द्वारा आंनद के घर के ठीक सामने उस रास्ते को मिट्टी से भर दिया और इस रास्ते पानी निकासी पर रोक लगा दी. पूर्व मुखिया सतीश कुमार वर्मा का कहना है कि गांव में एक ओर जहां पानी निकासी की भारी समस्या बनी हुई है उस पर कुछ लोगों द्वारा सड़क काट देने से बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है. इसे लेकर हमलोगों ने धनरूआ थानाध्यक्ष तथा सीओ को आवेदन देकर इस ओर अविलंब कार्रवाई की गुहार लगायी है.
दूसरी ओर, सुनील कुमार व उपेंद्र सिंह के भतीजे चंदन कुमार कहना है कि जिस जमीन पर नाले का पानी गिरता है वह उनकी निजी है. इस संबंध में उन्होंने सीओ से आग्रह किया है कि जिस जगह पर नाले का पानी वर्षो से गिरता आ रहा है उसके बगल में कृषि भवन है. जहां कई गैरमजरूआ जमीन हैं. अगर इस दिशा में पहल हो, तो नाले निकासी का विवाद खत्म हो जायेगा.