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लोकतंत्र को जनवादी बनाएं

सेमिनार में बोले भाकपा महासचिव, चुनाव प्रक्रिया में हो सुधार पटना : लोकतंत्र से बेहतर कोई शासन तंत्र नहीं है. इसका कोई विकल्प नहीं है. जरूरत इस बात की है कि लोकतंत्र को और जनवादी व प्रजातांत्रिक बनाया जाये. समानुपातिक प्रतिनिधित्व मिले, तो लोकतंत्र से अधिक कारगर कुछ और हो ही नहीं सकता. रविवार को […]

सेमिनार में बोले भाकपा महासचिव, चुनाव प्रक्रिया में हो सुधार

पटना : लोकतंत्र से बेहतर कोई शासन तंत्र नहीं है. इसका कोई विकल्प नहीं है. जरूरत इस बात की है कि लोकतंत्र को और जनवादी प्रजातांत्रिक बनाया जाये. समानुपातिक प्रतिनिधित्व मिले, तो लोकतंत्र से अधिक कारगर कुछ और हो ही नहीं सकता.

रविवार को केदारदास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान द्वारा बिहार विधान परिषद सभागार में भारतीय लोकतंत्र की संभावनाएं पर आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने ये विचार व्यक्त किये.

अमीरगरीब के बीच खाई बढ़ी

भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि प्रजातंत्र बेहतर है, पर चुनावी प्रक्रिया में सुधार लाना होगा. 20-25 प्रतिशत मत लाने पर कोई पूरी जनता का प्रतिनिधि कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि आज सरकारें कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रही हैं. कॉरपोरेट घरानों को 30 लाख करोड़ अनुदान के रूप में इस नाम पर दिये जा रहे हैं कि वे सबसे अधिक टैक्स भुगतान करते हैं.

जबकि, सच्‍चाई यह है कि सबसे अधिक टैक्स अप्रत्यक्ष रूप से दिये जाते हैं. सरकार की नीतियों के कारण अमीरगरीब की खाई बढ़ी है. केंद्र की यूपीए सरकार दृष्टिहीन है. आर्थिक नीतियों की बात करें, तो कांग्रेस भाजपा में कोई अंतर नहीं है. एफडीआइ के मुद्दे पर बंद बुलानेवाली भाजपा को कांग्रेस ने यह कह कर जवाब दिया था कि इसका आधार एनडीए के समय ही बना था. जीडीपी की वृद्धि ऋणात्मक है. प्याज की कीमत 100 रुपये तक पहुंच गयी और कालाबाजारियों ने सैकड़ों करोड़ रुपये मुनाफा कमा लिये.

नहीं है कोई विकल्प

पीयू के प्रोफेसर एनके चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र की कमियां लोकतंत्र में ही दूर की जा सकती है. इतिहासकार प्रो ओपी जायसवाल ने कहा कि लोकतंत्र का कोई विकल्प नहीं है. जेएनयू के अनिल ने कहा कि आज जनता के मानस को विभाजित करने की कोशिश की जा रही है.

साहित्यकार खगेंद्र ठाकुर ने फासिज्म का निर्यातक अमेरिका को बताया. सेमिनार को प्रोफेसर ब्रज कुमार पांडेय, प्रो नवीन चंद्रा, डॉ शरद, पूर्व विधायक राजेंद्र राजन, एआइएसएफ के विश्वजीत, अधिवक्ता मदन प्रसाद आदि ने भी संबोधित किया. विषय प्रवेश में यूएन मिश्र ने कहा कि पांच फीसदी धन कुबेरों के पास दौलत का अंबार है. 75 फीसदी परिवार फटेहाल स्थिति में हैं. इस स्थिति का समाधान ही देश के विकास की गति को बढ़ायेगा.

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