पटना: केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून में सभी राज्य सरकारों को लाभुकों की सूची केंद्र को भेजना है. सूची के अनुसार केंद्र खाद्यान्न उपलब्ध कराता है. बिहार सरकार द्वारा अभी तक लाभुकों की पूरी सूची नहीं भेजी गयी है. इसके बावजूद बिहार के खाद्यान्न में केंद्र […]
पटना: केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून में सभी राज्य सरकारों को लाभुकों की सूची केंद्र को भेजना है. सूची के अनुसार केंद्र खाद्यान्न उपलब्ध कराता है. बिहार सरकार द्वारा अभी तक लाभुकों की पूरी सूची नहीं भेजी गयी है.
इसके बावजूद बिहार के खाद्यान्न में केंद्र सरकार कोई कटौती नहीं करेगी, जबकि नियम के अनुसार सूची उपलब्ध नहीं कराने पर खाद्यान्न भेजने का प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य के एक करोड़ ग्यारह लाख लाभुकों का खाद्यान्न मिल रहा है. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की लापरवाही से गरीबों को खाद्यान्न नहीं मिल रहा है. राज्य सरकार 20 मार्च तक 92 फीसदी खाद्यान्न का उठाव कर चुकी है.
यहां तक कि अप्रैल माह के लिए 10 फीसदी खाद्यान्न का उठाव कर लिया गया है. राज्य में चावल का आवंटन 33.96 लाख टन के स्थान पर 32.53 लाख टन व गेहूं का आवंटन 19.65 लाख टन के स्थान पर 18.77 लाख टन का उठाव कर चुकी है. राज्य सरकार बार-बार केंद्र पर आरोप लगाती है. राज्य सरकार के आरोप के कारण श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सभी सांसद, मंत्री व अधिकारी, एफसीआइ – एसएफसी के अधिकारी, डीलर व किसान प्रतिनिधियों की बैठक बुला कर चर्चा की जायेगी.
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि धान खरीद करने में राज्य सरकार फेल है. राज्य सरकार के आग्रह पर समय सीमा 31 मार्च तक किया गया. इसके बावजूद 20 मार्च तक 14.60 लाख मीटरिक टन धान खरीद किया है, जबकि 30 लाख मीटरिक टन धान खरीद करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि विक्रय केंद्र नहीं होने के कारण किसान अपना धान कहां बेचेगा. जो भी धान खरीद हुई है, वह बिचौलिये के माध्यम से हुआ है. नतीजा किसानों को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कहने के बाद एफसीआइ अनाज खरीदने का काम कर सकती है. एफसीआइ अनाज खरीदने को तैयार है.