पटना: राज्य में विगत तीन साल में 210 करोड़ का धान बरबाद हो गया. खुले में रहने के कारण तीन लाख 44 हजार मीटरिक टन धान सड़ गया. राज्य खाद्य निगम के गोदाम के भंडारण क्षमता अधिक नहीं होने व लापरवाही की वजह से खुले आसमान में धान के रहने से बरबाद हुआ है. भाजपा […]
पटना: राज्य में विगत तीन साल में 210 करोड़ का धान बरबाद हो गया. खुले में रहने के कारण तीन लाख 44 हजार मीटरिक टन धान सड़ गया. राज्य खाद्य निगम के गोदाम के भंडारण क्षमता अधिक नहीं होने व लापरवाही की वजह से खुले आसमान में धान के रहने से बरबाद हुआ है.
भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने यह आरोप लगाया. विधान परिषद स्थित कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एजी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि तीन जिले पटना, रोहतास व औरंगाबाद में हुई धान की खरीद में 21 करोड़ की क्षति हुई है.
तीन जिले में वर्ष 2011-12 व वर्ष 2012-13 का टेस्ट चेक किया गया. इसमें पता चला है कि तीन जिले में एक लाख 71 हजार क्विंटल धान बरबाद हो गया. धान को सही तरीके से नहीं रखने के कारण वह सड़ गया. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि पटना जिले में वर्ष 2012-13 में एक लाख 47 हजार क्विंटल धान खरीद की गयी थी. इसके लिए सरकार ने 18 करोड़ 42 लाख भुगतान किये.
धान को हिफाजत से नहीं रखने के कारण काफी धान सड़ गया. धान सड़ने की वजह से उसे नीलाम करना पड़ा. सरकार को नीलामी से मात्र छह करोड़ 80 लाख राशि प्राप्त हुआ. सरकार को 11 करोड़ 63 लाख का नुकसान हुआ. राज्य खाद्य निगम के पास भंडारण क्षमता मात्र साढ़े चार लाख मीटरिक टन है. इसके अलावा पैक्स के द्वारा लगभग पांच लाख मीटरिक टन धान की खरीद की गयी. भंडारण क्षमता नहीं होने के कारण धान को कहीं न कहीं बाहर खुले में रखा गया. उन्होंने कहा कि राज्य खाद्य निगम में भ्रष्टाचार व्याप्त है. सदन में इससे संबंधित सवाल उठाया गया था. सवाल नहीं आये इसे लेकर जान बूझ कर कार्यवाही स्थगित कराया गया.
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षक को वेतनमान देने, वित्त रहित शिक्षकों को बकाया भुगतान करने की मांग को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया गया था. वित्त रहित कॉलेज में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों को वर्ष 2010 का बकाया भुगतान नहीं मिला है. नियोजित शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा नहीं मिल रही है. हाइस्कूल में नियोजित शिक्षकों को पेंशन कटनी शुरू नहीं हुई है. प्राथमिक नियोजित शिक्षकों का पेंशन राशि कट रही है, लेकिन सरकार का अंश दान पिछले दो सालों से बंद है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को विधान सभा में राजद सदस्यों का अशोभनीय व्यवहार देखने को मिला. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ बोलने के साथ महिला केंद्रीय मंत्री पर अभद्र टिप्पणी की गयी. इससे पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भाजपा सांसद के चेहरे रंगने की बात कही. आज जदयू सदस्य ने विधान परिषद में यह स्थिति पैदा की. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि जदयू व राजद मिल कर जंगलराज की स्थिति पैदा करना चाह रहे हैं.