मुजफ्फरपुर. पुलिस लाइन मैदान में सोमवार को आयोजित हिंदुस्तानी अवाम मोरचा (हम) की गरीब स्वाभिमान रैली में नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीर चलाये. नेताओं ने आरोप लगाया कि सीएम नीतीश कुमार ने जंगलराज के अगुवा लालू प्रसाद के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिनके खिलाफ नीतीश कुमार ने वोट मांगा था. अब उन्हीं की गोद में बैठ गये.
जनहित के फैसले लेनेवाले जीतनराम मांझी की कुरसी छीन ली. विधायकों व कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ किया. अब नवंबर, 2015 के विधानसभा में नीतीश कुमार के पैर तले जमीन खिसकनेवाली है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमें सीएम बना दिया. लेकिन, मुङो पावर नहीं दिया था.
मंत्री बनाने के लिए नेताओं का लिस्ट आता था. मैं लिस्ट के नीचे जीतन राम मांझी लिख देता था. अधिकारियों के ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम का लिस्ट आता था. लिस्ट के नीचे जीतन राम मांझी लिख देता था. तब मुझ पर रबड़ स्टांप व रिमोट कंट्रोल से चलनेवाले सीएम होने का आरोप लगने लगा. सबसे अधिक खर्च पथ निर्माण में होता था. हरियाणा की आइएएस हरजीत कौर को विभाग में भेजा. माजरा कुछ और था. वन व पर्यावरण विभाग में भी यही बात थी. ललन सिंह व पीके शाही ने कहा आपको जांच का अधिकार किसने दिया. इसके बाद मैंने काम शुरू किया. 12 दिनों में सबके लिए कुछ-न-कुछ कर दिया.