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ये हैं परेशानियों की स्पेशल ट्रेनें न साफ-सफाई, न पानी, पंखा भी बंद

पटना: होली के खत्म होते ही एक बार फिर ट्रेनों में सफर की मारामारी शुरू हो गयी है. पूर्व मध्य रेल की ओर से होली स्पेशल ट्रेनें चलायी जा रही हैं, लेकिन इनकी हालत देख कर तो यही लगता है कि यह परेशानियों की स्पेशल ट्रेन है. न तो नल में पानी है और न […]

पटना: होली के खत्म होते ही एक बार फिर ट्रेनों में सफर की मारामारी शुरू हो गयी है. पूर्व मध्य रेल की ओर से होली स्पेशल ट्रेनें चलायी जा रही हैं, लेकिन इनकी हालत देख कर तो यही लगता है कि यह परेशानियों की स्पेशल ट्रेन है. न तो नल में पानी है और न ही पंखा चल रहा है.

वॉश बेसिन में कचरा बदबू मार रहा है. सीट की बदहाली देख कर यात्रियों को बैठने का मन नहीं कर रहा है. इन ट्रेनों की टायलेट इतना गंदा है कि दूर बैठे लोगों को भी इंफेक्शन का खतरा बना हुआ है. गौरतलब है कि यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे आठ होली स्पेशल और एक प्रीमियम ट्रेन चला रहा है. खास बात यह कि ये ट्रेनें 10 से 12 घंटे की देरी से चल रही है.

नहीं हो रहा नंबर डिस्प्ले
रेलवे की ओर से चलायी जा रही आठ होली स्पेशल ट्रेनों में से कुछ पटना जंकशन से भी चल रही हैं. प्रभात खबर ने जब रविवार की दोपहर डेढ़ बजे प्लेटफॉर्म संख्या चार पर खड़ी 02792 पटना-सिकंदराबाद होली स्पेशल ट्रेन का रियलिटी चेक किया तो सच्चई सामने आयी. ट्रेन के किसी कोच पर ट्रेन नंबर अंकित नहीं था. बोगियों के इंडिकेटर डिस्प्ले बोर्ड में से ज्यादातर बंद पड़े थे.
बेसिन में कचरा
स्लीपर कोच के वॉश बेसिन में कचरा जमा हुआ था. ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने जब बेसिन का नल दबाया, तो पानी नहीं आया. खासकर कुछ स्लीपर और जनरल कोच में पानी की अधिक समस्या देखने को मिली. बाथरूम की भी यही स्थिति है. गंदगी के मारे अंदर जाने में यात्री डर रहे थे. जनरल डिब्बा में तो सफर के लायक भी नहीं बचा है. कोच में पंखे लगे थे, लेकिन चल नहीं रहे थे. सीटें फटी हुई थीं. खचाखच भरी स्पेशल ट्रेनों में सफर सजा से कम नहीं है.
क्या कहते हैं यात्री
होली में घर तो आ गये, लेकिन यहां से जाने के लिए किसी भी ट्रेन में जगह नहीं मिली. ऐसे में स्पेशल ट्रेन में टिकट ले लिया. लेकिन इस ट्रेन की सफाई सही तरीके से नहीं गयी है. बाथरूम से लेकर वॉश बेसिन तक गंदा है.
-विनोद कुमार सिंह
स्पेशल ट्रेन से नागपुर जंकशन जाना था. स्लीपर का टिकट नहीं मिला, इसलिए जनरल में टिकट लिया. यात्रियों को बैठने की लिए बनायी गयी अधिकतर सीटें फटी थीं. साथ ही नल में पानी भी नहीं आ रहा था.
– मनोज कुमार
स्पेशल ट्रेन के स्लीपर कोच में भी सफर करना मुश्किल भरा है. कन्फर्म टिकट लेने के बावजूद यात्रियों को जगह नहीं मिल पा रही है. ट्रेन में लोकल यात्रियों का कब्जा जमा हुआ है. साथ ही ट्रेन भी काफी लेट खुल रही हैं.
– अफजल अहमद

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