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10वीं में एक बार, 12वीं में दो बार दे सकेंगे कंपार्टमेंटल एग्जाम

पटना: अगले आनेवाले वर्षो में कंपार्टमेंटल परीक्षा को चरणबद्ध तरीके से खत्म कर दिया जायेगा. इसकी शुरुआत सीबीएसइ सत्र 2015 के रिजल्ट से शुरू कर देगा. इस सत्र 12वीं में कम अंक लानेवाले स्टूडेंट्स जून में होनेवाले कंपार्टमेंटल परीक्षा में ही शामिल हो सकेंगे. उन्हें इस सत्र में दोबारा मौका नहीं मिलेगा. बोर्ड से मिली […]

पटना: अगले आनेवाले वर्षो में कंपार्टमेंटल परीक्षा को चरणबद्ध तरीके से खत्म कर दिया जायेगा. इसकी शुरुआत सीबीएसइ सत्र 2015 के रिजल्ट से शुरू कर देगा. इस सत्र 12वीं में कम अंक लानेवाले स्टूडेंट्स जून में होनेवाले कंपार्टमेंटल परीक्षा में ही शामिल हो सकेंगे. उन्हें इस सत्र में दोबारा मौका नहीं मिलेगा. बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार 10वीं में एक बार और 12वीं में दो बार कंपार्टमेंटल परीक्षा में स्टूडेंट्स शामिल हो पायेंगे.
बढ़ी समयसीमा : इस साल से कंपार्टमेंटल परीक्षा की समयसीमा में काफी गैप कर दिया गया है. 12वीं के लिए अभी तक लगातार तीन साल तक कंपार्टमेंटल परीक्षा ली जाती थी. पहली बार जुलाई में यह परीक्षा आयोजित की जाती थी. इसमें यदि परीक्षार्थी पास नहीं करते थे, तो वे इंप्रूवमेंट परीक्षा दे सकते थे, लेकिन अब स्टूडेंट्स इप्रूवमेंट नहीं दे सकते हैं.

एक ही सत्र में रेगुलर और कंपाटलमेंट की परीक्षा में पास नहीं करने पर स्टूडेंट्स फिर अगले साल कंपार्टमेंटल परीक्षा में ही बैठेंगे. अभी तक एक स्टूडेंट पास नहीं होने की स्थिति में लगातार तीनों बार की परीक्षा में शामिल हो सकते थे, लेकिन बोर्ड ने अब इसमें परिवर्तन कर दिया है. अब स्टूडेंट्स जुलाई में होनेवाले कंपार्टमेंटल परीक्षा के बाद जुलाई में आयोजित होनेवाले कंपार्टमेंटल परीक्षा में ही शामिल होंगे. इस तरह लंबा गैप एक स्टूडेंट्स को तय करना होगा. वहीं, दूसरी ओर 10वीं बोर्ड के कंपार्टमेंटल परीक्षा अब एक ही बार जुलाई में आयोजित की जाती है.

प्राइवेट से परीक्षा दें स्टूडेंट्स
सीबीएसइ के अनुसार अगर जुलाई में होनेवाले कंपार्टमेंटल परीक्षा में स्टूडेंट्स पास न कर पाएं, तो उन्हें तुरंत प्राइवेट स्टूडेंट्स के तौर पर परीक्षा फॉर्म भर देना चाहिए. लगातार तीन साल तक प्लस टू में कंपार्टमेंटल परीक्षा देने से स्टूडेंट्स को नुकसान होता था. अगर कंपार्टमेंटल परीक्षा में वे पास नहीं कर पाते हैं, तो उनके लिए दुबारा उन्हें बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने की तिथि भी निकल जाती थी. इससे उनका दो साल बरबाद हो जाते थे. इस कारण अब 12वीं में एक सत्र में एक ही कंपार्टमेंटल परीक्षा ली जायेगी. इस संबंध में सीबीएसइ के सिटी को-ऑर्डिनेटर राजीव रंजन ने बताया कि जुलाई में आयोजित कंपार्टमेंटल परीक्षा में अगर स्टूडेंट्स पास नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें दुबारा प्राइवेट से 12वीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल जायेगा.
नयी मार्किग स्कीम से रिजल्ट में सुधार
सीबीएसइ के नयी मार्किग स्कीम के कारण रिजल्ट खराब होने की आशंका अब काफी कम रह गयी है. अब कॉपी जांच में स्टेप वाइज मार्किग की जाती है. इससे पास परसेंटेज की संख्या हर साल लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इससे काफी कम संख्या में स्टूडेंट्स का रिजल्ट खराब हो रहा है. वहीं, 10वीं बोर्ड में ग्रेडिंग करने से फेल या रिजल्ट खराब नहीं के बराबर होता है. जो स्टूडेंट्स बोर्ड बेस्ड 10वीं की परीक्षा देते हैं, उन्हें ही कंपार्टमेंटल परीक्षा देने का मौका मिलता है. इस संबंध में पाटलिपुत्र सहोदया के सचिव सीबी सिंह ने बताया कि आनेवाले कुछ सालों में कंपार्टमेंटल परीक्षा को खत्म कर दिया जायेगा, क्योंकि नयी मार्किग स्कीम के कारण रिजल्ट में काफी सुधार आया है.
जून में होगी कंपार्टमेंटल परीक्षा
2015 सत्र से जुलाई के बदले जून में ही कंपार्टमेंटल परीक्षा ली जायेगी. सीबीएसइ के अनुसार 22 जुलाई को इसकी परीक्षा की तिथि घोषित की जाती थी, लेकिन अब इसमें बदलाव हो जायेगा. इस साल से जून में ही परीक्षा लेकर 30 जून तक कंपार्टमेंटल परीक्षा का रिजल्ट भी निकाल दिया जायेगा. इसके लिए प्लस टू का रिजल्ट मई के सेकेंड वीक तक निकलने के बाद तुरंत कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए आवेदन भरवाये जायेंगे. जून के प्रथम सप्ताह में कंपार्टमेटल परीक्षा लेने की उम्मीद की जा रही है.
कंपार्टमेंटल परीक्षा के खत्म करने के फायदे
– मेन बोर्ड की परीक्षा में ही स्टूडेंट्स अधिक मेहनत करेंगे
– स्टूडेंट्स का समय बरबाद नहीं होगा.
– प्राइवेट से परीक्षा देकर रिजल्ट को सही किया जा सकेगा
– बोर्ड भी बार-बार परीक्षा लेने के झंझट से बचेगा
– स्टूडेंट्स को रिजल्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा
– स्टूडेंट्स की कंपार्टमेंटल परीक्षा पर निर्भरता कम होगी
कंपार्टमेंटल परीक्षा को कम कर देने से स्टूडेंट्स को फायदा ही होगा, क्योंकि स्टूडेंट्स का ऐसे में समय की बरबादी नहीं होगी. स्टूडेंट्स को दो बार ही चांस मिलने से उन्हें इसी बीच में अपना रिजल्ट क्यिलर करना पड़ेगा.
सीबी सिंह, सचिव, पाटलिपुत्र सहोदया

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