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हत्या के जुर्म में पांच को उम्रकैद

12 वर्षों के बाद आया अदालत का फैसलागोपालगंज. चर्चित कुली रामप्रवेश यादव हत्याकांड के 12 वर्षों के बाद जिले की एक अदालत का फैसला आया है. कोर्ट ने पांच लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. फैसला आते ही पीडि़त परिजन न्यायालय में फफक पड़े. फैसला सुनाये जाने के बाद […]

12 वर्षों के बाद आया अदालत का फैसलागोपालगंज. चर्चित कुली रामप्रवेश यादव हत्याकांड के 12 वर्षों के बाद जिले की एक अदालत का फैसला आया है. कोर्ट ने पांच लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. फैसला आते ही पीडि़त परिजन न्यायालय में फफक पड़े. फैसला सुनाये जाने के बाद सभी आरोपितों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया. कटेया थाने के बनकटियां टोला खाड़ निवासी तथा सीवान स्टेशन पर कुली का काम कर रहे रामप्रवेश यादव (38) की 23 अप्रैल, 2003 की रात्रि में घर से अपहरण कर हत्या कर दी गयी थी. घटना के बाद मृतक के पिता बंशी चौधरी ने कटेया थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. गांव के ही बिट्टू पाठक, शंभू यादव, उमेश यादव, चंद्रदेव चौधरी, महंत चौधरी आरोपित बनाये गये थे. पुलिस ने कई वर्षों तक मामले की जांच की. जांच के बाद पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया. एडीजे अंजनी कुमार सिंह की अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट मंे पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराया. साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने सभी आरोपितों को उम्रकैद के साथ-साथ 25-25 हजार रुपये दंड की सजा दी है. कोर्ट का फैसले के बाद पीडि़त परिजनों ने कहा कि हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी.

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