पटना: हर व्यक्ति को अपने पाप का फल भोगना पड़ता है. अत्यंत शक्तिशाली व विद्वान रावण का भी पाप व अहंकार के कारण ही बंधु-बांधवों समेत नाश हुआ था. खगौल के लोको गेट दुर्गा पूजा समिति परिसर में संगीतमय श्री रामकथा के दौरान ये बातें आचार्य सुदर्शन जी महाराज ने कहीं. श्री रामकथा के तीसरे दिन रविवार को महाराज जी ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम द्वारा लंका पर विजय व अयोध्या वापसी प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति की. उन्होंने कहा कि अन्याय पर न्याय व अहंकार पर विनम्रता की जीत सुनिश्चित रहती है.
न्याय प्रसन्नता लेकर आता है
न्याय के साथ किया गया प्रत्येक कार्य इनसान के लिए प्रसन्नता लेकर आता है. वहीं, कलाकारों ने संगीत के माध्यम से हजारों श्रद्धालुओं को उस काल का साक्षात अनुभव कराया.
फूल की होली खेली गयी थी
खासतौर से विजयश्री के बाद भगवान राम व माता सीता द्वारा अयोध्या वापसी पर नगरवासियों द्वारा फूल की होली खेलने के दृश्य का भक्तों ने भरपूर आनंद उठाया. भक्त बीच-बीच में जय श्री राम का जयकारा लगा रहे थे.कार्यक्रम में आयोजन समिति के आरएन पासवान, डॉ विनोद शर्मा, सुमन कुमार मल्लिक, शशिकांत तिवारी, राकेश कुमार सिन्हा, सुनील सिंह छविराज आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.