पटना : बगावत पर उतारु बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी जल्द अपने पद से हटाये जा सकते हैं क्योंकि जद यू की सात फरवरी को होने वाली विधायक दल की बैठक में उनकी जगह नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने के संकेत मिल रहे हैं.
लोकसभा चुनावों में हार के बाद नीतीश कुमार की जगह मांझी के पद संभालते ही वह विवादों में आ गए और पार्टी नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री पद देकर इस वर्ष के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सब कुछ व्यवस्थित करना चाहती है. दोनों धडों के बीच आज रस्साकशी जारी रही. महादलित समुदाय से आने वाले मांझी ने कल की बैठक को ‘अवैध’ करार दिया और सदन का नेता होने के नाते उन्होंने 20 फरवरी को बैठक आहूत की है. कल की बैठक में शामिल होने के बजाए विपरीत रुख अपनाए मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में शिरकत करने के लिए कल दिल्ली जाने की योजना बना रहे हैं जहां वह रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में शिरकत कर सकते हैं.
लोकसभा चुनावों में जद यू की हार के बाद नीतीश की जगह अस्थायी तौर पर लाए गए मांझी को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है और जद यू के महासचिव के. सी. त्यागी ने इस तरह के संकेत भी दिए हैं. त्यागी ने कहा, सात फरवरी को शाम चार बजे के बाद मांझी जनता दल (यूनाईटेड) विधायक दल के नेता नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश की वापसी में राजद प्रमुख लालू प्रसाद, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और जद यू के प्रमुख शरद यादव का समर्थन है.
मांझी के दिल्ली की बैठक में शिरकत करने की योजना के बारे में पूछने पर त्यागी ने आश्चर्य जताया कि किस हक से वह ऐसा करेंगे जब वह मुख्यमंत्री ही नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से मांझी के विवादास्पद बयानों और गतिविधियों को देखते हुए उन्हें हटने के आदेश देने का निर्णय करना आवश्यक हो गया है. शीर्ष नेताओं द्वारा उन्हें रास्ता बदलने की सलाह देने के बावजूद उन्होंने ऐसा किया. त्यागी ने कहा कि 2010 में बिहार में जनादेश नीतीश कुमार के नाम पर मिला था और मांझी केवल अस्थायी व्यवस्था के तहत आए थे.
पार्टी अध्यक्ष शरद यादव की तरफ से बुलाई गई कल की बैठक के लिए पार्टी के 111 विधायकों और 41 विधान पार्षदों को नोटिस भेजा गया है जिसमें मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार भी शामिल हैं. जद यू के महासचिव के. सी. त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि मांझी को पार्टी से हटाया जा सकता है अगर उन्होंने अनुशासन तोडा और कल की बैठक में शामिल नहीं हुए.
* त्यागी पागल हो गए हैं : मांझी
मांझी ने इस पर कडी प्रतिक्रिया जताई. उन्होंने खगडिया में संवाददाताओं से कहा, त्यागी पागल हो गए हैं. दोनों समूहों के बीच लडाई आज सडक पर आ गई. नीतीश और मांझी के समर्थकों के बीच जद यू मुख्यालय के बाहर संघर्ष हो गया. जद यू के सूत्रों ने बताया कि दलित मुसहर चेतना समिति के बैनर तले कुछ लोग पार्टी कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला जलाया. पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्ष जितेन्द्र राणा ने कहा कि घटना के बाद वहां पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने कुछ लोगों पर कथित रुप से हमला किया जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री का समर्थक माना जाता है.
त्यागी ने पार्टी अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक को वैध करार दिया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जद यू संविधान के नियम 21 के तहत पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार है. बहरहाल भाजपा इंतजार करो और देखो की नीति अपना रही है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा, हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और सही समय पर निर्णय करेंगे… भाजपा के लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं. उनसे पूछा गया था कि अगर मांझी को उनकी ही पार्टी हटाती है तो क्या वह उन्हें समर्थन देंगे.
मानव संसाधन विकास मंत्री बृषिण पटेल, नीतीश मिश्रा, महाचंद्र प्रसाद सिंह और नरेन्द्र सिंह सहित कुछ मंत्री अपना समर्थन व्यक्त करने मुख्यमंत्री आवास पर आए थे. बागी जद यू विधायक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू और रविन्द्र राय भी अपनी रणनीति बनाने मांझी के आवास पर आए थे. नीतीश का आवास भी आज गतिविधियों का केंद्र रहा.
जद यू के दलित, महादलित एवं अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम नीतीश के आवास पर आयोजित हुआ. जद यू अध्यक्ष शरद यादव, के. सी. त्यागी और काफी संख्या में मंत्री वहां मौजूद थे. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जद यू के 115 विधायक, भाजपा के 88, राजद के 24, कांग्रेस के पांच, भाकपा का एक और निर्दलीय पांच विधायक हैं जबकि पांच सीट रिक्त हैं. त्यागी ने कहा कि जद यू को विधानसभा में बहुमत हासिल है और सदन में वह अपना बहुमत साबित कर सकती है.
राज्य के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया, विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदस्यता समाप्त किए आठ विधायकों के अलावा सभी 111 जद यू विधायकों और 41 विधान पार्षदों को शरद यादव द्वारा कल यहां आयोजित ह्यअत्यावश्यकह्ण बैठक में शामिल होने के लिए नोटिस भेज दिया गया है. पी. के. शाही, राजीव रंजन लल्लन और बिजेन्द्र यादव सहित कुछ अन्य मंत्रियों ने आज विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के साथ बैठक की.
पार्टी में राजनीतिक उठापटक के लिए बिहार के मुख्यमंत्री मांझी को जिम्मेदार ठहराते हुए त्यागी ने कहा, हद हो गई. मांझी द्वारा जद यू की डुबोई जा रही नौका को अब नीतीश कुमार उबारेंगे. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मांझी को हटाने और नीतीश कुमार को पद संभालने के लिए हरी झंडी दिखा दी है. उन्होंने कहा कि राजद का समर्थन पार्टी को है न कि किसी व्यक्ति विशेष को. कांग्रेस ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए है. बाद में नीतीश कुमार पर हमला करते हुए मांझी ने पूर्व मुख्यमंत्री को भीष्म पितामह बताया जिनकी चुप्पी ने जद यू में तनाव बढा दिया है.
सहरसा जिले के धीना गांव में एक समारोह को संबोधित करते हुए मांझी ने दावा किया कि जिस दिन उन्होंने गरीबों के बारे में बात करनी शुरु की उस दिन से नीतीश ने उनसे बात करना बंद कर दिया.
मांझी ने त्यागी को यमदूत बताया. मांझी ने दावा किया कि नीतीश जब मुख्यमंत्री थे तो विधायकों को भी उनसे मुलाकात करने में छह महीने का समय लग जाता था.
बहरहाल मांझी ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बने तो विधायकों, नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए दरवाजे खोल दिए. समारोह में मांझी के साथ कोई भी मंत्री या जिला जद यू नेता नहीं दिखा. मधेपुरा से राजद के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और जद यू के दलित विधायक रत्नेश सादा उनके साथ थे.
बहरहाल शरद यादव जिस होटल में ठहरे हुए वहां सुरक्षा बढा दी गई है. बडी संख्या में मांझी समर्थकों की नारेबाजी करते हुए इकट्ठा होने को देखते हुए ऐसा किया गया है. करीब आधा दर्जन से ज्यादा जद यू विधायकों ने पार्टी मुख्यालय के बाहर हिंसा के विरोध में आज धरना दिया.
बैकुंठपुर के विधायक मनजीत सिंह ने पीटीआई को बताया कि कल होने वाली पार्टी बैठक से पहले भाजपा के भाडे के कुछ लोगों द्वारा गडबडी पैदा करने के लिए हिंसा फैलाने के विरोध में वह धरना पर बैठे हुए हैं. राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के पटना पहुंचने की कोई खबर नहीं है. त्रिपाठी पश्चिम बंगाल और मेघालय के राज्यपाल भी हैं.