वक्ताओं ने कहा कि बिहार में एइएस से हर साल सैकड़ों बच्चे बीमार पड़ते हैं. प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने कहा कि बीमारी से इस साल किसी बच्चे की जान नहीं जायेगी.
यूनिसेफ की योजना का अध्ययन किया जायेगा और जिलाधिकारी के माध्यम से हर जिले में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. जिन जिलों में एइएस का प्रकोप अधिक रहता है उन इलाकों में चिकित्सक व नर्सो को विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी. अस्पतालों में दवाइयां व एंबुलेंस की व्यवस्था होगी. योजना से आंगनबाड़ी व आशा को भी जोड़ा जायेगा.