पटना: मरीज के हार्ट की तीन धमनियों में से दो बिल्कुल बंद थे, तीसरे में 95 फीसदी ब्लॉकेज थी. छाती में हर वक्त दर्द रहता था, चलना-फिरना मुश्किल था. पटना के सभी अस्पताल ने ऑपरेशन या एंजियोप्लास्टी से इनकार कर दिया था, सिर्फ दवाएं दी जा रही थीं. लेकिन, दर्द थमने का नाम नहीं ले रहा था.
पर पारस एचएमआरआइ हॉस्पिटल के हार्ट रोग विभाग के डॉयरेक्टर डॉ प्रमोद कुमार ने एंजियोप्लास्टी कर मरीज को ठीक कर दिया. एंजियोप्लास्टी के दौरान दो बार मरीज का हार्ट बंद हो गया था, जिसे सीपीआर के जरिये पुनर्जीवित करने में कामयाबी मिली. डॉ़ प्रमोद ने बताया कि पटना के जगदेव पथ की 60 साल की महिला हर वक्त दर्द से परेशान रहती थी. वह चल भी नहीं पाती थी.
छह माह पहले दर्द की शिकायत लेकर जब अस्पताल गयी, तो उसे बताया गया कि उसकी हार्ट की तीन धमनियों में दो बंद है और एक में 95 फीसदी ब्लॉकेज है. डॉक्टर ने बताया कि सीपीआर पद्धति में हार्ट का मसाज किया जाता है तथा सांस की नली में मशीन से सांस दी जाती है. यह असाधारण एंजियोप्लास्टी थी, जिसे करने में काफी सावधानी बरतनी पड़ी, अगर बंद हार्ट न खुलता, तो महिला की जान चली जाती.