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अब आवास बोर्ड की जमीन पर होगा मालिकाना हक

पटना : राज्य भर में बिहार राज्य आवास बोर्ड की जमीन और फ्लैट के आवंटियों का अब इस पर मालिकाना हक होगा. सरकार आवास बोर्ड की जमीन का मालिकाना हक इसके लीज होल्डरों को देने जा रही है. लीज होल्ड की जमीन अब फ्री-होल्ड में ट्रांसफर हो जायेगी. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस […]

पटना : राज्य भर में बिहार राज्य आवास बोर्ड की जमीन और फ्लैट के आवंटियों का अब इस पर मालिकाना हक होगा. सरकार आवास बोर्ड की जमीन का मालिकाना हक इसके लीज होल्डरों को देने जा रही है.
लीज होल्ड की जमीन अब फ्री-होल्ड में ट्रांसफर हो जायेगी. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गयी. इसके अलावा राज्य की महिला कर्मचारियों को सरकार ने एक बड़ी सुविधा दी है. अब महिला कर्मचारियों को 135 दिनों के स्थान पर 180 दिनों की शिशु देखभाल छुट्टी और प्रसव छुट्टी मिलेगी. इतने दिनों का यह अवकाश सवैतनिक होगा.
इसके लिए बिहार सेवा संहिता के नियम 220 में संशोधन किया गया है.लीज होल्ड वाली जमीन को फ्री-होल्ड में ट्रांसफर करने के लिए 1982 के बिहार राज्य आवास बोर्ड एक्ट के सेक्शन 115 में संशोधन कर बिहार राज्य आवास बोर्ड रेगुलेशन, 2015 बनाया गया है. अब नगर एवं आवास विभाग इसकी रजिस्ट्री रेट तय करेगा.
इसके बाद लीज धारकों से आवेदन मांगा जायेगा. इसके साथ ही जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. वर्तमान प्रस्ताव के अनुसार जमीन रजिस्ट्री की फीस कहीं दो प्रतिशत लगेगी, तो कहीं यह 22 फीसदी तक हो सकती है, कहीं-कहीं यह 5, 12 और 15 प्रतिशत भी होगी. हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है.
राज्य में 19 हजार लीज होल्ड की है जमीन
बिहार में यह पहली बार होने जा रहा है कि आवास बोर्ड की जमीन और फ्लैट को इनमें रहनेवालों को हमेशा के लिए स्थानांतरित कर दिया जायेगा. इसके तहत पटना के कंकड़बाग, लोहियानगर, हनुमान नगर, कृष्णा नगर, नागेश्वर कॉलोनी, दीघा समेत अन्य कई मुहल्लों में करीब तीन हजार फ्लैट और प्लांट हैं. लोहियानगर में 450 और हनुमान नगर में 950 ऐसे प्लॉट मौजूद हैं.
पटना के अलावा आरा, गया, डेहरी, सासाराम, पूर्णिया, भागलपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, छपरा समेत अन्य कई शहरों में आवास बोर्ड की जमीन मौजूद हैं. राज्य भर में आवास बोर्ड की करीब 19 हजार जमीन या भू-संपदा मौजूद है. अन्य राज्यों में यह व्यवस्था पहले से ही है.
यह होगा फायदा
– फ्री-होल्ड पर जमीन ट्रांसफर होने से जमीन मालिक आसानी से इसे बेच सकते हैं.
– कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से खरीद सकता है.
– वर्तमान में इसे बेचने के लिए आवास बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है और जमीन का आधा पैसा बोर्ड में जमा करना होता है.
– अभी लीज होल्ड की जमीन पर बैंक से लोन नहीं मिलता है. अब इस पर लोन भी लिया जा सकता है.
– इसे भाड़ा या एग्रीमेंट के तहत कोई जमीन मालिक किसी अन्य को दे सकता है.
महादलितों को अब पांच डिसमिल जमीन
पटना : राज्य में अब महादलित परिवारों को तीन के स्थान पर पांच डिसमिल जमीन दी जायेगी. किसी एक स्थान पर 20 परिवारों को जमीन मिलने पर यानी पांच-पांच डिसमिल की दर से 20 परिवारों के लिए 100 डिसमिल जमीन का कलस्टर तैयार होने पर सरकार 20 डिसमिल अतिरिक्त जमीन अपनी तरफ से देगी.
इस अतिरिक्त जमीन का उपयोग सड़क और सामुदायिक भवन बनाने के लिए किया जायेगा. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है. अगर किसी स्थान पर जमीन उपलब्ध नहीं है, तो सरकार एमवीआर पर जमीन की खरीद करके महादलितों को देगी. कैबिनेट सचिव बी प्रधान ने कैबिनेट में लिये गये 18 प्रमुख निर्णयों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने अन्य प्रमुख निर्णयों के बारे में बताया कि उद्योग विभाग के तहत ड्राइ वेयर हाउस पर आधारित रूरल एग्री बिजनेस सेंटर (आरएबीसी) स्थापित करने की मंजूरी दे दी गयी है.
इसके अंतर्गत किसी निजी व्यक्ति या कंपनी के कुल निवेश का 35 फीसदी या अधिकतम पांच करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा. आरएबीसी में मुख्य रूप से गेहूं और धान संग्रहित करने के लिए दो हजार और तीन हजार 300 मीटरिक टन के गोदाम बनाने की योजना है. चंडीगढ़ की मे बिहार डिस्टलर्स एंड बोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को भोजपुर जिले के देवाड़ी गांव में शराब की फैक्टरी लगाने की अनुमति मिल गयी है.
फैक्टरी की क्षमता 660 किलो लीटर प्रतिदिन स्पिरिट और 24 लाख केस सालाना विदेशी शराब (आइएमएफएल) बनाने की होगी. इसे तैयार करने में 160 करोड़ की लागत आयेगी और 320 लोगों को रोजगार मिलेगा.
कैबिनेट के अन्य प्रमुख फैसले
– पश्चिम चंपारण में नौरंगिया थाना क्षेत्र में पुलिस फायरिंग की जांच के लिए गठित जांच आयोग के कार्यकाल का विस्तार जुलाई 2015 तक किया गया.
– भोजपुरी, मैथिली, मगही, बंगला, संस्कृत और बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी को वेतन समेत अन्य खर्च के लिए 2.59 करोड़ जारी.
– आइसीडीएस निदेशालय के सांख्यिकी सहायकों को नियमित वेतनमान
– गया के बीथोशरीफ में वीयर बांध की डीपीआर तैयार करने के लिए 24.72 लाख रुपये
– पथ निर्माण विभाग में संविदा पर बहाल 36 कनीय अभियंता (यांत्रिक) का अगले वर्ष तक पुनर्नियोजन.
– जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता (यांत्रिक) को दूसरी एसीपी मिला, 2003 के अधीक्षण अभियंता के समान वेतनमान
– मुंगेर जिला में झौआ-बहियार-हरीणमार जाने वाली सड़क पर आरसीसी पुल का होगा निर्माण.
– पटना मुख्य नहर में सोन नदी से पानी लिफ्ट कराने का डीपीआर तैयार करने के लिए 27 लाख स्वीकृत
– बिहार विधान सभा और विधान परिषद के सत्र के संलेख को मिली स्वीकृति

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