पटना: पूर्णिया में नया सरकारी मेडिकल कॉलेज खोला जायेगा. इसके लिए जिला अस्पताल को अपग्रेड कर500 बिस्तरोंवाला बनाया जायेगा. इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान को स्वायत्त संस्था के रूप में विकसित किया जायेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों परियोजनाओं पर मुहर लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग को तेजी से पहल करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 24 घंटे डॉक्टर रहें. इसके लिए चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग नियमावली- 2008 में संशोधन करने को कहा है.
मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर, भागलपुर व गया मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एमबीबीएस में नामांकन के लिए सीटों की संख्या 50 से बढ़ा कर 100 करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन पूरा करने का निर्देश दिया. एमसीआइ से सीटों की वृद्धि की मान्यता प्राप्त करने को भी कहा. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के भवन एवं परिसर के उन्नयन के लिए भी मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है. इसके लिए परियोजना प्रतिवेदन योग्य एवं अनुभवी कंसलटेंट से तैयार कराया जायेगा.
सभी जिला अस्पतालों में हो 300 बेड
मुख्यमंत्री ने सभी जिला अस्पतालों को न्यूनतम 300 बेड के अस्पताल में विकसित कर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. पोषण एवं पुनर्वास केंद्रों की स्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा. राज्य के विभिन्न भागों में शिशुओं के कुपोषण की समस्या से निपटने की व्यवस्था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में होगी. यह राज्य की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक होनी चाहिए.
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पीपीपी मोड पर
प्रधान सचिव ने बताया कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थित क्षेत्रीय कैंसर केंद्र में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. इसे सुविधा संपन्न आधुनिक कैंसर केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा. इसके लिए पीपीपी मोड पर कार्रवाई की जायेगी. राज्य सरकार आवश्यक संसाधन उपलब्ध करायेगी. नेत्रदान व नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने अंग प्रत्यारोपण नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया. इस दिशा में केंद्र द्वारा निर्मित मॉडल नियमावली को भी आवश्यक संशोधनों के साथ स्वीकार करने पर विचार किया जा सकता है. संविदा पर कार्यरत पारा मेडिकल स्टाफ, नर्स, एएनएम को नियमित करने की मांग संबंधित सेवा संगठनों द्वारा लगातार की जाती रही है. ऐसे में सभी श्रेणी के पारा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के लिए नियमावली शीघ्र बनाने का निर्देश दिया गया. उन्हें नियमित करने के लिए उपयुक्त प्रावधान शामिल करने का भी निर्देश दिया गया.