पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने स्वीकार किया कि यदि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू चुनाव मैदान में अकेले उतरता, तो भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकती थी, लेकिन महागंठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरने से भाजपा की जीत आसान हो जायेगी. नये साल के मौके पर अपने सरकारी आवास पर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 बिहार के लिए परिवर्तन का साल साबित होगा. पूरे देश में सत्ता विरोधी लहर चल रही है.
बिहार में भी परिवर्तन तय है. नीतीश कुमार के लालू प्रसाद से हाथ मिलाने के बाद यहां भाजपा की लड़ाई और आसान हो गयी है. राजद-जदयू के महागंठबंधन या विलय का कोई असर नहीं पड़नेवाला है.
सूबे की जनता पुराने दिनों को नहीं भूली है. नीतीश कुमार ने भाजपा से गंठबंधन तोड़ कर न केवल बिहार के विकास को बेपटरी किया, बल्कि सूबे में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न कर दी. विधानसभा चुनाव में विकास और सुशासन ही मुख्य मुद्दा होगा. सीएम को विकास से कोई लेना-देना नहीं है.