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कब तक चलेगा ऐसा: नियोजित शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं

पटना: सूबे के नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों का वेतन फिर से अटक गया है. दो से तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है. कहीं सितंबर, तो कहीं अक्तूबर तक ही भुगतान हुआ है. भागलपुर, जमुई, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, मधुबनी, दरभंगा, लखीसराय, मुंगेर, रोहतास, शेखपुरा ऐसे जिले हैं, जहां तीन महीने से वेतन नहीं […]

पटना: सूबे के नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों का वेतन फिर से अटक गया है. दो से तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है. कहीं सितंबर, तो कहीं अक्तूबर तक ही भुगतान हुआ है.

भागलपुर, जमुई, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, मधुबनी, दरभंगा, लखीसराय, मुंगेर, रोहतास, शेखपुरा ऐसे जिले हैं, जहां तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. यहां के शिक्षकों को सितंबर तक ही भुगतान हुआ है. वहीं, बांका और मुजफ्फरपुर में अक्तूबर तक वेतन का भुगतान कर दिया गया है.

केवल घोषणा

राज्य सरकार हर महीने की पांचवीं तारीख तक वेतन की राशि दे देने की कई बार घोषणा कर चुकी है, लेकिन फिर से तीन महीने का वेतन बकाया हो गया है. शिक्षा विभाग जहां राशि भेजने की बात कर रहा है, वहीं जिलों से कहा जा रहा है कि उन्हें शिक्षकों के हिसाब से कम राशि मिल रही है, जिससे भुगतान संभव नहीं हो पा रहा है. भागलपुर के प्रारंभिक नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए हर महीने करीब छह करोड़ रुपये चाहिए, लेकिन उन्हें पांच करोड़ रुपये ही मिल रहा है. ऐसे में भुगतान संभव नहीं हो रहा है. ऐसा कोई भी जिला नहीं है, जहां शत-प्रतिशत नियोजित शिक्षकों को अंतिम महीने तक वेतन का भुगतान किया गया हो.

20 हजार नये शिक्षकों का वेतन अभी शुरू भी नहीं

26 मई से 12 अगस्त तक कैंपों के जरिये बहाल प्लस टू, हाइस्कूल और प्रारंभिक स्कूलों के 20 हजार से ज्यादा शिक्षकों को अब तक वेतन भुगतान की शुरुआत नहीं हो सकी है. इनका चार से सात महीने तक वेतन बकाया है. 26 मई से 11 जून तक प्लस टू, 14-30 जून तक हाइस्कूल और दो जुलाई से 12 अगस्त तक जिलावार कैंप लगाये गये थे और मेधा के आधार पर शिक्षकों को नियुक्तिपत्र दिया गया था. इनमें 18 हजार शिक्षक प्रारंभिक स्कूल में ही बहाल हुए थे, जबकि हाइ व प्लस टू स्कूलों में भी दो से तीन हजार शिक्षकों की बहाली हुई थी. नये शिक्षकों का फिलहाल बैंकों में खाता ही खोला जा रहा है. उसके बाद वेतन देने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.

बच्चों के बीच राशि बंटने के बाद ही भुगतान संभव

सूबे के नियोजित वैसे शिक्षक जिनका दो-तीन महीने से वेतन भुगतान नहीं हो सकता है, उन्हें वेतन के लिए और इंतजार भी करना पड़ सकता है. सरकारी स्कूलों में फिलहाल मुख्यमंत्री पोशाक, साइकिल और छात्रवृत्ति योजना की राशि बांटी जा रही है. इसमें मुख्यालय से लेकर जिले और प्रखंड स्तर तक के शिक्षा विभाग के अधिकारी लगे हुए हैं. बच्चों के बीच राशि बांटने की प्रक्रिया 13 जनवरी तक चलनी है. इसके साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. 21 जनवरी तक आवेदन भी लिये जाने हैं. उसके बाद उसकी छंटनी से लेकर मेधासूची तैयार कराने का काम होगा. इसके अलावा सूबे के 38 में से करीब 30 जिलों में नये जिला शिक्षा पदाधिकारियों के आने से भी काम तेज गति से नहीं हो पा रहा है.

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