पटनाख्याल, ठुमरी, दादरा व गजल की लगातार प्रस्तुति ने रविवार को श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. मौका था भारतीय नृत्य कला मंदिर के बहुद्देशीय सांस्कृतिक परिसर सभागार में कला-कक्ष द्वारा गजल साम्राज्ञी बेगम अख्तर शताब्दी स्मृति वर्ष के अवसर पर पल्लवी विश्वास की प्रस्तुति का. यह कार्यक्रम पंडित बिंद्रा प्रसाद गौड़ को समर्पित किया गया है. पल्लवी विश्वास ने मंच पर आते ही माहौल बदल गया. शांति छा गयी. पहली प्रस्तुति पंडित बिंद्रा प्रसाद गौड़ की बंदिश राग मालकौंस बड़ा ख्याल ‘पग लगन पेच’ व छोटा ख्याल ‘आज घर आये बलमा’ पर ही हॉल में बैठे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये. इसके बाद ठुमरी ‘नीहुरे-नीहुरे बहारे अंगांवा गोरिया’ गा गा लोगों का दिल जीत लिया. पल्लवी ने जैसे ही गजल ‘वो हम में तुम में करार था…’ की प्रस्तुति दी वैसे ही हॉल में तालियों की शेर गूंज उठी. पल्लवी के साथ सारंगी पर अनवर हुसैन, हारमोनियम पर सुधीर कुमार, तबला पर राजशेखर व तानपुरा पर रश्मि सिंह ने साथ देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया. कार्यक्रम का उद्घाटन पंडित गजेंद्रनारायण सिंह व कला संंस्कृति विभाग के निदेशक केडी प्रज्जवल व डॉ लावण्यकीर्ति सिंह ने की. मौके पर अविनय काशीनाथ, डॉ नागेंद्र प्रसाद मोहिनी, एलएन पोद्दार, सुधीर कुमार सिंह, डॉ अजित प्रधान, मिथिलेश कुमारी मिश्र के साथ अनेक लोग मौजूद थे.
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ख्याल, ठुमरी व दादरा की मनमोहक प्रस्तुति
पटनाख्याल, ठुमरी, दादरा व गजल की लगातार प्रस्तुति ने रविवार को श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. मौका था भारतीय नृत्य कला मंदिर के बहुद्देशीय सांस्कृतिक परिसर सभागार में कला-कक्ष द्वारा गजल साम्राज्ञी बेगम अख्तर शताब्दी स्मृति वर्ष के अवसर पर पल्लवी विश्वास की प्रस्तुति का. यह कार्यक्रम पंडित बिंद्रा प्रसाद गौड़ को समर्पित किया गया […]
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