पटना: एक्जिबिशन रोड में आशियाना ग्लैक्सी में स्थित एक संस्था को दर्जनों अभ्यर्थियों ने फर्जी बताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. यही नहीं अभ्यर्थियों ने कार्यालय के सामने सड़क भी जाम कर दिया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने संस्था के खिलाफ नारेबाजी भी की.
घटना की जानकारी मिलने पर गांधी मैदान पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई का आश्वासन देकर सड़क जाम खुलवाया. अभ्यर्थियों ने संस्था के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की है. पुलिस इसकी जांच करने में लगी है. इस संबंध में संस्था के तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है और उन लोगों से पूछताछ की जा रही है. गांधी मैदान थानाध्यक्ष राजबिंदू प्रसाद ने बताया कि लिखित शिकायत मिली है, छानबीन की जा रही है.
क्या है मामला
अभ्यर्थी राजेश कुमार निराला, नीरज कुमार, अरविंद विंद आदि ने बताया कि संस्था द्वारा 2010 में कार्यालय सहायक, ग्रामीण पर्यवेक्षक, ग्रामीण सेवक आदि पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था. इसके लिए उन लोगों ने आवेदन किया था और कॉल लेटर भी इश्यू हुआ था और परीक्षा भी ली गयी थी. इसके बाद नतीजा भी संस्था की वेबसाइट पर जारी किया गया था. इसके साथ ही ट्रेनिंग के नाम पर पांच हजार का ड्राफ्ट भी मांगा जा रहा था. वे लोग जब ड्राफ्ट लेकर कार्यालय पहुंचे, तो वहां जब कुछ प्रश्न किये गये तो उसका जवाब वे लोग नहीं दे पाये. उनसे पूछा गया कि कहां ट्रेनिंग होगी और अब तक किन-किन लोगों को कहां-कहां नियुक्ति किया गया है. उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट भी लिया जा रहा था, तो रिसीविंग पर केवल मुहर मार कर दिया जा रहा था. लेकिन उस पर कोई अपना हस्ताक्षर नहीं कर रहा था. जिसके कारण यह संस्था पूरी तरह से फर्जी है.
अगर आपको राजधानी में एक जगह से दूसरी जगह जाना है और आप इसके लिए नगर सेवा बस में सवार हो गये हैं, तो समझिए आपने मुसीबत मोल ले ली है. जी हां, शहर में एक दर्जन रूट पर चल रही इन बसों में यात्री बेबस हैं. इसमें सवारियां भेड़-बकरियों की तहर भरी जा रही हैं. 20 से 25 सीटवाली इस बस में 50 से 55 यात्री सवार किये जा रहे हैं. बड़ी मुसीबत है की मुहिम के तहत शनिवार को हमारे संवाददाता ने राजधानी में चलनेवाली नगर सेवा बस का जायजा लिया.
पेश है एक रिपोर्ट..
पटना: नगर में चलनेवाली नगर सेवा की बसें इन दिनों सड़कों पर ट्रैफिक जाम का कारण बन रही हैं. इससे यात्रियों को सफर में ज्यादा वक्त लग रहा है. ये बसें कहीं भी रोक दी जाती हैं. यात्रियों के साथ भी यहां अमानवीय व्यवहार होता है. उन्हें भेड़-बकरी की तरह सवार कर लटकने को मजबूर कर दिया जाता है. इससे हादसे की आशंका बनी रहती है. टाइमिंग पकड़ने के लिए बसों को तेज गति से दौड़ाया जाता है, जिसके चलते कई बार छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं भी हुई हैं.
कई गाड़ियां जजर्र
शहर में कई रूट पर चलनेवाली नगर सेवा बस की हालत खस्ता है. खासकर जंकशन से बोरिंग रोड, पटेल नगर, जंकशन से इंजीनियरिंग कॉलेज और कंकड़बाग में चल रही बसें 15 साल से ऊपर की हो चुकी हैं. इनके दरवाजे से लेकर कुरसियां तक टूटी हुई हैं. जल्दी चढ़ने-उतरने के क्रम में कई बार नुकीले लोहे से यात्री के हाथ-पैर कट-छिल जाते हैं. यात्रियों को लकड़ी के तख्ते पर बैठना पड़ता है. प्रशासन के स्तर पर इनकी फिटनेस की भी नियमित जांच नहीं होती.
मिले स्टैंड की स्थायी सुविधा
नगर सेवा बस की बदहाली का ठीकरा मिनी बस ऑनर एसोसिएशन प्रशासन पर फोड़ता है. संगठन के महासचिव उमेश प्रसाद सिन्हा ने बताया कि शहर में दर्जन भर से अधिक रूटों पर नगर सेवा की 400 बसें चलती हैं. मगर कहीं भी स्थायी स्टैंड उपलब्ध नहीं कराया गया है. गाड़ियों के स्टॉपेज भी निर्धारित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन स्टैंड, स्टॉपेज और यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था कर दे, तो सारी परेशानी दूर हो जायेगी.