पटना/ पालीगंज: खीरी मोड़ थाना क्षेत्र के धोबनी ब्रह्मपुरा गांव के भैसापुर आहर जलाशय में मछली मारने गये चार मछुआरों को रविवार की देर रात सोते समय गोलियों से भून दिया गया. करीब 10 राउंड फायरिंग की गयी. गालियों की तड़तड़ाहट से गांव में खलबली मच गयी. जब तक गांव के लोग घटनास्थल पर पहुंचते तब तक हमलावर फरार हो चुके थे.
घायल एक मछुआरे का पीएमसीएच में इलाज जारी है जबकि एक साथी जान बचा कर भागने में सफल रहा. पुलिस ने छह अज्ञात लोगों पर एफआइआर दर्ज की है. घटना के विरोध में सोमवार की सुबह पांच बजे इलाके के लोग भारी संख्या में सड़क पर उतर गये. आक्रोशित लोगों ने इमामगंज के पास अरवल-जहानाबाद मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान आठ घंटे तक जोरदार हंगामा हुआ. घटना के विरोध में सोमवार को स्थानीय बाजार बंद रहा. मौके पर सीनियर एसपी,एसपी ग्रामीण, एसडीएम समेत कई पुलिस अधिकारी पहुंचे.
कैसे हुई घटना
जानकारी के मुताबिक, भैसासुर आहर जलाशय का पट्टा पिछले दो साल से सुनील कुमार के नाम से है. पिछले तीन दिनों से इस जलाशय में मछली मारी जा रही थी. इसके लिए मुगिंला गांव से आधा दर्जन मछुआरे बुलाये गये थे. रविवार की रात मछली मारने के बाद जलाशय के किनारे त्रिपाल डाल कर मछुआरे मनीष कुमार (20), उदय बिंद (25), जनार्दन (23), रामप्रवेश (35), रजनीश बिंद (28)व अनिल बिंद (29) सो रहे थे. अचानक कुछ लोग आये और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें मनीष, उदय, जर्नादन व रामप्रवेश की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. वहीं रजनीश बिंद को गोली हाथ में लगी. वह चीखते हुए गांव की तरफ भागा, जिससे ग्रामीण जग गये. इस दौरान शोर होने लगा. ग्रामीणों को घटना स्थल की तरफ बढ़ता देख अपराधी बेल्दारी विगहा की तरफ भाग गये. जाते-जाते वह जलाशय का बांध तोड़ते गये.
ग्रामीणों ने बताया कि घटना में करीब 10 राउंड फायरिंग की गयी. ग्रामीण जब मौके पर पहुंचे, तो चारों मछुआरे की लाश पड़ी थी. अरवल, खीरी मोड़ व पालीगंज की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची. पुलिस ने शव को कब्जे में लिया. वहीं फायरिंग में जख्मी रजनीश बिंद को इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया. रजनीश का इलाज जारी है और वह खतरे से बाहर है. मजदूरों की हत्या क्यों की गयी यह पता नहीं चल सका है. फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया. वहीं सोमवार की सुबह 5 बजे से लोग घटनास्थल पर जमा हुए और इमामगंज के पास अरवल-जहानाबाद मार्ग को जाम कर दिया. ट्रैफिक जाम होने से सीनियर एसपी जितेंद्र राणा मौके पर पहुंचे. मौके से जान बचा कर भागे अनिल बिंद के बयान पर छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हो रही है.
अंधेरे को चीरती रही मुन्नी व लक्ष्मीनिया की चीख
मुंगिला गांव में मनीष व जनार्दन समेत चारों मजदूरों का परिवार भोजन कर अभी बिस्तर पर ही था कि बंदूक की फायरिंग ने उन्हें नींद से जगा दिया. चीखने की आवाज,मारो व पकड़ो का शोर-शराबा. मजदूरों का परिवार भी उसी जलाशय की तरफ बढ़ा, जहां घटना हुई थी. मनीष की पत्नी मुन्नी देवी व जनार्दन की पत्नी लक्ष्मीनिया जब मौके पर पहुंची तो पति की लाश सामने पड़ी थी. दृश्य देख वे वहीं गिर पड़ीं. उनकी चीख से माहौल गमगीन हो गया. गांव में मातम छा गया. करीब दो घंटे तक पुलिस प्रशासन की चहल कदमी के बीच गांव में हलचल मची रही. लोग मृतक के परिजनों को दिलासा दिलाते रहे, लेकिन पहाड़ जैसा दुख उन्हें शांत नहीं होने देता.
परिजनों को मिला पांच-पांच लाख का चेक
लोगों की मांग थी कि मृतकों के आश्रितों के अलावा घायल को आर्थिक सहायता दी जाये. मृतकों के परिवार को सरकारी नौकरी, 10 लाख का मुआवजा व इमामगंज बाजार में पुलिस पिकेट की स्थापना की जाये. एसएसपी ने पुलिस पिकेट स्थापित करने का आश्वासन दिया. उधर, प्रशासन की तरफ से पांच-पांच लाख का चेक सोमवार की रात दी गयी.
वर्चस्व की लड़ाई में अब तक हो चुकी है दर्जनों की हत्या
रविवार की रात खीरी मोड़ थाना क्षेत्र के ब्रह्नापुरा गांव में एक जाति के चार लोगों की हत्या से इमामगंज क्षेत्र में फिर से खूनी संघर्ष की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. 1986 में विजय सिंह (कंसारा) की हत्या के बाद जैसे क्षेत्र में हत्या का दौर शुरू हो गया. 1990 के जुलाई में हातिम खां की हत्या हो गयी. बाद में 90 के दशक में ही बैजनाथ शर्मा मुंगिला, श्रवण कुमार इमामगंज, मो. सलीम (गुलाबगंज) कामेश्वर सिंह मखयिलपुर ललन व शिव अतन, पिंटू उर्फ डिस्को के बाद मांगला में दो बच्चों की गला मरोड़ कर हत्या हुई. सभी हत्याओं में कही न कही वर्चस्व का ही मामला नजर आता है. पूर्व में माले व माओवादी के बीच खूनी संघर्ष में कई लोग मारे जा चुके हैं. वहीं कई हत्याएं गुडा गिरोह के आपसी तकरार में हुआ. ग्रामीणों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह इलाका आपराधिक वारदातों का केंद्र बिंदु है. बार-बार सुरक्षा की मांग करने के बाद भी पुलिस सचेत नहीं हुई. अगर प्रशासन का यही रवैया रहा, तो आने वाले दिनों में अन्य घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता.