– पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठकसंवाददाता,पटनाचालू वित्त वर्ष के आठ महीना बीतने के बाद भी पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने महज 17 फीसदी राशि ही खर्च की है. काफी रुपये जिला स्तर पर पशुपालन पदाधिकारियों के पास पड़े हैं. राशि खर्च नहीं होने के कारण नयी योजनाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं,तो कई योजनाएं अधर में हैं. मंगलवार को विभागीय मंत्री बैद्यनाथ सहनी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक में इस स्थिति पर गहन चिंता व्यक्त की गयी. विभागीय पदाधिकारियों को पैसा जल्द खर्च करने के लिए फटकार लगी. दिसंबर के अंत तक अधिकतम रुपये खर्च कर देने का निर्देश दिया गया. इसके लिए मुरगी पालन व बकरी वितरण समेत अन्य जरूरी योजनाओं को सरजमीं पर ठोस तरीके से उतारने को कहा गया. विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में खराब प्रदर्शन करने के कारण विभागीय सचिव हरजोत कौर ने पटना, नालंदा, बक्सर, रोहतास समेत कुछ अन्य जिलों के जिला पशुपालन पदाधिकारी (डीएचओ)को चेतावनी दी. जनवरी में एचएसबीक्यू वैक्सिन कार्यक्रम के तहत एक करोड़ 90 लाख पशुओं का टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. इसके लिए सभी संबंधित पदाधिकारियों तैयारी करने के सख्त निर्देश दिये गये. मंत्री ने विभाग की तमाम जरूरी योजनाओं को बोर्ड पर लिखवाकर प्रखंड स्तर पर लगाने के लिए कहा. मछली पालन की योजनाओं में निर्धारित संख्या से डेढ़ गुना ज्यादा आवेदन लेने को कहा. सचिव ने विभाग की योजनाओं से जुड़े तमाम बैंकों को लापरवाही बरतने पर कड़ा निर्देश दिया. मौके पर पशुपालन निदेशक आलोक रंजन घोष, गव्य निदेशक हरे राम सिंह व मत्स्य निदेशक निषात अहमद समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
सिर्फ 17 फीसदी राशि खर्च करने पर लगी फटकार,सं
– पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठकसंवाददाता,पटनाचालू वित्त वर्ष के आठ महीना बीतने के बाद भी पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने महज 17 फीसदी राशि ही खर्च की है. काफी रुपये जिला स्तर पर पशुपालन पदाधिकारियों के पास पड़े हैं. राशि खर्च नहीं होने के कारण […]
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