संवाददाता, पटना केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के श्रीमद् भगवत गीता पर आये बयान पर जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आश्चर्य जताया है. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज जैसी सुलझी नेता तो भी कट्टरपंथ राग की राजगीर बनना ही पड़ा. भगवत गीता करोड़ों हिंदुओं के लिए एक पुस्तक मात्र नहीं है, बल्कि पांच हजार सालों से इस ग्रंथ ने धर्मावलंबियों का मार्गदर्शन किया है. इसलिए आस्था, विश्वास, श्रद्धा की नीजता का सबको सम्मान करना चाहिए. किसी ग्रंथ विशेष को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा देकर देश के विभिन्न धर्मावलंबियों के बीच इस तरह के नकारात्मक संदेश देकर भारत को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि भारत जैसे देश का राष्ट्रीय ग्रंथ तो इस राष्ट्र का संविधान है. इसमें सभी धर्मावलंबियों और विभिन्न भाषा बोलने वाले लोगों की आस्था निहित है. पूर्व की यूपीए सरकार की नाकामियों ने मोदी सरकार का मार्ग प्रसस्त किया. जनादेश पाने के लिए सब्जबाग उन्होंने दिखाये, विकास की राह सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय विषमता दूर करने की बात की, लेकिन कुछ नहीं किया.
कट्टरपंथ राह की राहगीर बनी सुषमा स्वराज : राजीव रंजन प्रसाद
संवाददाता, पटना केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के श्रीमद् भगवत गीता पर आये बयान पर जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने आश्चर्य जताया है. उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज जैसी सुलझी नेता तो भी कट्टरपंथ राग की राजगीर बनना ही पड़ा. भगवत गीता करोड़ों हिंदुओं के लिए एक पुस्तक मात्र नहीं है, बल्कि पांच हजार […]
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