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जांच के लिए भेजी गयी रिक्शाचालक की शर्ट

पटना: राजेंद्रनगर टर्मिनल स्थित रेलवे ट्रैक से उजमा आरा को उठा कर अस्पताल पहुंचानेवाले रिक्शाचालक कारू राम की शर्ट को पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. पुलिस का कहना है कि उजमा को ट्रैक से उठाने के दौरान कारू की शर्ट में खून लग गया था. जांच से पता चल जायेगा कि […]

पटना: राजेंद्रनगर टर्मिनल स्थित रेलवे ट्रैक से उजमा आरा को उठा कर अस्पताल पहुंचानेवाले रिक्शाचालक कारू राम की शर्ट को पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. पुलिस का कहना है कि उजमा को ट्रैक से उठाने के दौरान कारू की शर्ट में खून लग गया था. जांच से पता चल जायेगा कि वह खून उजमा का है या नहीं.

अगर दोनों के खून मैच कर जाते हैं, तो सच्चई का पता चल जायेगा. शनिवार को पुलिस ने कारू को राजेंद्रनगर टर्मिनल के समीप से खोज निकाला था. उसी के बयान के बाद उजमा के हाथ काटे जाने के मामले में नया मोड़ आ गया था. कारू ने कहा था कि दरभंगा इंटरसिटी में चढ़ने के दौरान उजमा ट्रेन से फिसल कर ट्रैक पर गिर गयी. इसी दौरान उसका हाथ कट गया. हालांकि, उजमा के पिता ऐजुल अंसारी अब भी अपने पुराने बयान पर कायम है. ऐजुल दरभंगा के लहेरियासराय के बेता गांव का रहनेवाला है. वह दर्जी का काम करता है. उसे पांच बेटे व दो बेटियां हैं. बड़ा बेटा अरबाज आलम लहेरिया सराय में ही बीए पार्ट एक में पढ़ता है.

सीबीआइ जांच की मांग
पीएमसीएच में उजमा का इलाज करा रहा ऐनुल हक रविवार को भी अपने दिये गये बयान पर कायम है. उसने कहा कि उसे बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं है. वह चाहता है कि पूरे मामले की जांच सीबीआइ करे. पहले दिये बयान में उसने कहा था कि 25 मई को उसके छोटे बेटे आलम का दरभंगा के कुख्यात अपराधी जम्मू खां के भांजे बॉबी खां ने अपहरण कर लिया था. उसने रंगदारी की पूरी रकम नहीं दी थी, इसलिए उसने घटना को अंजाम दिया. उसने बताया कि बॉबी खां ने उससे तीन लाख की रंगदारी मांगी थी, लेकिन उसने काफी दबाव के बाद मात्र दो लाख ही दिया.

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