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शिक्षक नियुक्ति नियमावली में होगा संशोधन

पटना : शिक्षा विभाग शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन करेगा. पूर्व में विभाग ने निर्णय लिया था कि तीन चरणों तक प्रतीक्षा सूचीवाले को नियोजनपत्र निर्गत करने के प्रावधान को बढ़ा कर पांच चरण तक किया जायेगा, लेकिन स्थिति ऐसी है कि पांच चरणों में भी सभी अभ्यर्थियों को नियोजनपत्र निर्गत करना संभव नहीं लग […]

पटना : शिक्षा विभाग शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन करेगा. पूर्व में विभाग ने निर्णय लिया था कि तीन चरणों तक प्रतीक्षा सूचीवाले को नियोजनपत्र निर्गत करने के प्रावधान को बढ़ा कर पांच चरण तक किया जायेगा, लेकिन स्थिति ऐसी है कि पांच चरणों में भी सभी अभ्यर्थियों को नियोजनपत्र निर्गत करना संभव नहीं लग रहा है.

* क्या हो सकता है रास्ता
समस्या का समाधान निकालने को लेकर विभागीय अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है. इस पर भी चर्चा हो रही है कि तीन चरणों में नियोजनपत्र निर्गत करने के बाद कितने अभ्यर्थी योगदान देते हैं, पहले यह देख लिया जाये. इसके बाद खाली सीटों को भरने के लिए माध्यमिक शिक्षकों के तर्ज पर अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग करायी जाये. जो अभ्यर्थी, जहां चाहेंगे वहां काउंसेलिंग देंगे. इसके बाद उन्हें नियोजनपत्र दिया जाये. हालांकि, इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है.

मालूम हो कि राज्य में प्रारंभिक शिक्षकों के 1.68 लाख पद रिक्त हैं, जबकि मात्र 1.22 लाख अभ्यर्थी हैं. इसके बाद भी सभी अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र कब मिलेगा, यह शिक्षा विभाग सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है. कारण यह है कि राज्य में नौ हजार से अधिक शिक्षक नियोजन इकाइयों में अलग-अलग आवेदन जमा हुए . एक अभ्यर्थी के 20-25 जगहों पर आवेदन देने से यह नौबत आयी.

रिक्त पदों की संख्या के बराबर इकाइयों द्वारा नियोजन पत्र निर्गत हो रहा है. एक माह तक जो अभ्यर्थी योगदान नहीं देंगे, वहां प्रतीक्षा सूचीवाले को नियोजनपत्र देने का नियम है. नियुक्ति नियमावली के अनुसार यह सिलसिला तीन चरणों तक चलेगा. ऐसे में जिस अभ्यर्थी का नाम रिक्त पद से तीन गुना अधिक संख्या के बाद है, उसे नियोजनपत्र नहीं मिल पायेगा. पटना नगर निगम में प्रारंभिक शिक्षकों के 301 रिक्त पद हैं और यहां 22 हजार से अधिक आवेदन आये हैं. इससे एक तरफ अभ्यर्थी परेशान हैं तो दूसरी ओर विभाग इसका हल निकालने में जुटा है.

* उत्तर प्रदेश में बेहतर व्यवस्था
उप्र में प्रारंभिक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिये जाते हैं. एक जिले में एक ही नियोजन इकाई होती है, न कि प्रखंड, पंचायत अथवा नगर निकाय में अलग-अलग. अभ्यर्थी से काउंसेलिंग के समय मूल प्रमाणपत्र रख लिये जाते हैं. ऐसे में किसी अभ्यर्थी को एक से अधिक नियुक्तिपत्र मिलने की कोई संभावना नहीं रहती.

* प्रारंभिक शिक्षकों के 1.68 लाख पद रिक्त हैं, जबकि 1.22 लाख हैं अभ्यर्थी
* पांच-छह चरणों में भी सभी को नियोजनपत्र मिलना आसान नहीं

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